जा रहे है नॉर्थ इंडिया घुमने, तो आपके सफर को यादगार बना देंगी से खूबसूरत जगहें
जा रहे है नॉर्थ इंडिया घुमने, तो आपके सफर को यादगार बना देंगी से खूबसूरत जगहें

भारत में पर्यटक स्थलों की कोई कमी नहीं है। लद्दाख, राजस्थान, गोआ आदि जगहों पर घूमने के लिए दुनिया भर से पर्यटक यहां आते हैं लेकिन देश का पूर्वोतर इलाका भी ट्रेवल के लिए बेस्ट माना जाता है। इस बार आप भी कुछ नया देखने चाहते हैं तो परिवार के साथ नॉर्थन इंडिया घूमने के प्लान बना सकते हैं। आइए जानें वहां की कुछ खास जगहें जो आपके सफर को हमेशा के लिए यादगार बना देंगी।
रिवर उम्नगोत, मेघालय : मेघालय की अमंगोत नदी बहुत खूबसूरत है। इस नदी का नजारा स्वर्ग से कम नहीं है, क्योंकि नदी का पानी शीशे की तरह साफ दिखाई देता है। इसी वजह से यह नदी पर्यटकों की खास पसंद बनी हुई है।
ये है खास बातें : दावकी भारत और बांग्लादेश के बीच एक व्यस्त व्यापार मार्ग की तरह कार्य करता है. हर दिन सैकड़ों ट्रक इस कस्बे से होकर गुजरते हैं. दावकी भारत और बांग्लादेश के बीच एक व्यस्त व्यापार मार्ग की तरह कार्य करता है. हर दिन सैकड़ों ट्रक इस कस्बे से होकर गुजरते हैं. उम्नगोत आस-पास के क्षेत्रों के मछुआरों के लिए मछली पकड़ने की एक प्रमुख जगह है. यह मेघालय की राजधानी शिलांग से करीब 95 किलोमीटर दूर है. इस पर बोटिंग करने से ऐसा लगेगा जैसे कांच पर तैर रहे हो कुछ लोगों को विश्वास नहीं होता कि इतनी साफ नदी हमारे देश में भी हो सकती है, जिसमें कूड़े का एक टुकड़ा भी नजर नहीं आता इसके सफाई का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस पर नाव के चलने पर ऐसा लगता है कि मानो की वह किसी कांच के पारदर्शी टुकड़े पर तैर रही हो.
साफ-सफाई पर सख्त है कानून : अंग्रेजों ने इस पर एक ब्रिज भी बनवाया है इस नदी में बड़ी संख्या में मछलियां भी मिलती हैं सफाई का सख्ती से पालन किया जाता है. जाड़े में यदि और भी खूबसूरत और साफ नजर आती है यह आने वाले सभी यात्रियों से यह कहा जाता है कि वह किसी भी तरह की गंदगी ना फैलाएं यदि वह ऐसा करते हैं तो उन पर सख्त कार्रवाई की जाती है.
कैसे पहुंचे : सड़क यात्रा द्वारा डॉकी शिलांग के रास्ते से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है, इसलिए यहां जाने के लिए आप कोई निजी वाहन बुक करा सकते हैं या फिर यहां तक के लिए बस की सुविधा भी उपलब्ध है. वहीं ट्रेन से गुवाहाटी रेलवे स्टेशन यहां का सबसे नजदीकी स्टेशन है. डॉकी यहां से लगभग 180 किलोमीटर की दूरी पर है.
नोक्कलिकाई फॉल्स, मेघालय : चेरापूँजी के समीप नोहकालीकाई झरना भारत का सबसे ऊँचा झरना है। चेरापूँजी प्रतिवर्ष की भारी बारिश के लिये जाना जाता है और इस झरने के जल का स्रोत यही बारिश है। इसलिये दिसम्बर से फरवरी के मध्य के सूखे समय में यह झरना काफी हद तक सूख जाता है। झरने के ठीक नीचे नीले-हरे रंग के पानी वाले तैरने के क्षेत्र बन गये हैं। इस झरने के पास स्थित खड़ी चट्टान से छलाँग लगाने वाली स्थानीय लड़की का लिकाई के नाम पर इस झरने का नाम नोहकालीकाई पड़ा।
पहले नोहकालीकाई झरने के पार स्थित एक दूर के स्थान से देखा जाता था लेकिन हाल ही में ऐसी सीढ़ियाँ बनाई गई है जो आपको झरने के ठीक नीचे तक ले जाती हैं। स्पॉन्डिलाइटिस और अस्थमा जैसी बीमारियों वाले लोगों को नीचे नहीं जाने की सलाह दी जाती है क्योंकि सैकड़ों सीढ़ियाँ वापस चढ़ना काफी कठिन हो जाता है। क्षेत्र के आस-पास कई भोजन के स्थान या रेस्तराँ हैं जहाँ आपको स्थानीय खासी व्यञ्जनों से लेकर, उत्तर और दक्षिण भारतीय व्यञ्जन और यहाँ तक कि चाइनीज़ नूडल्स भी आसानी से मिल जायेंगें। यहाँ पर कई छोटी दुकानें हैं जहाँ से आप क्षेत्र के स्थानीय उत्पादों के खरीद सकते हैं।
लोकटोक लेक, मणिपुर
लोकटक झील उत्तर पूर्वीय भारत का सबसे बड़ा मीठे पानी वाला झील है और बिष्णुपुर का महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है। यह झील इम्फाल से करीबन 48 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और किराए की कार और बस के द्वारा यहाँ आसानी से पहुंचा जा सकता है। बिष्णुपुर का एक महत्वपूर्ण आकर्षण, केईबुल लम्जाओ राष्ट्रीय उद्यान, जो विश्व का सबसे बड़ा तैरने वाला पार्क है, इस झील के दक्षिणी तट पर बसा है। लोकटक झील का एक मजेदार पहलु यह है कि यह पूरे विश्व में एक मात्र तैरने वाला झील है।
इस झील में तैरने वाले द्वीप हैं जिन्हें फुमीदी कहते हैं और यहाँ आस पास के मछुआरे रहते हैं। कुछ फुमीदी अप्राकृतिक रूप से तैयार किया गया है ताकि यहाँ मछली पाला जा सके। बिष्णुपुर ज़िले के लोकटक झील जाना तब तक अधूरा माना जाता है जब तक सेन्द्रा झील न जाया जाए। सेन्द्रा द्वीप यहाँ के निवासियों के लिए प्रसिद्द पिकनिक मनाने की जगह है, जबकि पर्यटकों के लिए यह एक अतिरिक्त आकर्षण है।
बोटिंग के अलावा इस द्वीप पर कई और खेल से जुड़ी गतिविधियाँ भी होती हैं। सेन्द्रा पर्यटन गृह का जलपानगृह एक मुख्य आकर्षण है क्योंकि यहाँ से तैरते हुए दलदल, साफ नीला पानी और दर्जन भर बोट आसानी से दिख जाते हैं। यह द्वीप लोगों को भव्य झील का ज़्यादातर भाग दिखला देता है। इस झील में कई प्रवासी और निवासी पंक्षी रहते हैं इसलिए द्वीप से पंछियों को भी देखा जा सकता है।
वान्टावंग झरना, मिजोरम
उपरोक्त झरनों के अलावा आप मिजोरम में सरचिप जिले स्थित वान्टावंग फॉल्स वाटर फॉल की सैर का प्लान बना सकते हैं। यह जलप्रपात थेंज़वल से 5 किमी की दूरी पर स्थित है। सरचिप से लगभग 30 किमी और आइजोल से 137 किमी दूर, वांतावंग फॉल्स को मिजो भाषा में वांतावंग खौथला भी कहा जाता है। अपनी 229 मीटर की ऊंचाई के साथ यह जलप्रपात भारत का 13वां सबसे ऊंचा जलप्रपात है। यह वाटरफॉल राज्य में बहने वाली सभी नदियों और जलप्रपात की तुलना में ज्यादा आकर्षक है। आसपास के प्राकृतिक नजारें इस स्थान को खास बनाने का काम करते हैं। ध्यान रखें कि इस जलप्रपात के नजदीक जाना जोखिम भरा हो सकता है, लेकिन पर्यटन विभाग द्वारा लगाए गए व्यू प्वाइंट की मदद से आप यहां के अद्भुत दृश्यों को देख सकते हैं।
दजुको घाटी, नागालैंड-मणिपुर
नागालैंड और मणिपुर की सीमा पर यह घाटी बहुत खूबसूरत है। यह 2452 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। कुदरती नजारों से भरपूर यह वैली आपके सफर को और भी यादगार बना देगी।
दीदार ए हिन्द की रीपोर्ट



