महंत नरेन्द्र गिरी सुसाइड केस में आया सपा के पूर्व राज्यमंत्री का नाम
प्रयागराज। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरि की सोमवार शाम प्रयागराज में संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी। मामले की जांच कर रही पुलिस ने मंगलवार को महंत की सुरक्षा में लगे छह पुलिस कर्मियों को हिरासत में लिया है। साथ ही सपा के एक पूर्व दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री इन्दु प्रकाश मिश्र का नाम भी इस केस में सामने आया है।
पुलिस की तहकीकात में एक-एक कड़ी जुड़ती जा रही है। महंत की मौत के पूर्व उनके मोबाइल में एक वीडियो भी है, जिसे जांच टीम ने जब्त कर लिया है। मौके से वसीयतनुमा करीब आठ पेज का एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें किसको क्या सम्पत्ति दी जायेगी, इसका भी जिक्र है। वहीं, आनंद गिरी का नाम भी है, जिसमें इनके द्वारा परेशान करने का जिक्र किया गया है। इस मामले में आईजी केपी सिंह के अनुसार सुसाइड नोट में शिष्य आनंद गिरि, आद्या तिवारी और उसके बेटे पर परेशान करने का आरोप लगाया गया है, जबकि फॉरेंसिक जांच टीम का कहना है कि सुसाइड नोट बदला हुआ है। क्योंकि महंत ठीक से लिख नहीं पाते थे। इस एंगल से भी जांच हो रही है।
अखिल भारतीय संत समिति और गंगा महासभा के महासचिव स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती ने कहा है कि सुसाइड नोट लिखना तो उनके बस की बात ही नहीं थी। ऐसे में उनकी हत्या कर किसी को फंसाने के लिए सुसाइड नोट तो नहीं लिखा गया है। वह आत्महत्या कर लें, ऐसे कमजोर इंसान नहीं थे। स्वामी जीतेंद्रानंद का कहना है कि नरेंद्र गिरि अवसाद में भी नहीं थे। यह एक बड़ी गहरी साजिश है।
उल्लेखनीय है कि आनन्द गिरी पर आत्महत्या के उकसाने के आरोप में थाना जार्जटाउन में धारा 306 के तहत मुकदमा दर्ज कर आनन्द गिरी के साथ आद्या एवं संदीप तिवारी भी हिरासत में लिए गये हैं। मठ में मौजूद सुमित तिवारी एवं सर्वेश द्विवेदी तथा धनंजय के बयान दर्ज होंगे। इस मामले में प्रयागराज के चार पुलिस के बड़े अफसर जांच कर रहे हैं। इंस्पेक्टर महेश ने विवेचना शुरू कर दी है।
इस अवसर पर मौनी बाबा ने कहा कि यह एक गहरी साजिश के तहत हुआ है। वह आत्महत्या नहीं कर सकते। इस पर कड़ाई से जांच हो और अपराधी इस मामले में सामने आए।