कोविड-19 प्रबंधन हेतु गठित टीम-09 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा-निर्देश
लखनऊ। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में जारी सतत प्रयासों से कोरोना की दूसरी लहर पर प्रभावी नियंत्रण बना हुआ है। आज 31 जनपदों में एक भी एक्टिव केस नहीं है, जबकि 21 जिलों में एक-एक एक्टिव केस शेष हैं। विगत 24 घंटे में हुई 01 लाख 73 हजार 377 सैम्पल की टेस्टिंग में 66 जिलों में संक्रमण का एक भी नया केस नहीं पाया गया। कुल 13 नए संक्रमित मरीज पाए गए, 07 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए। वर्तमान में प्रदेश में एक्टिव कोविड केस की संख्या 159 रह गई है, जबकि 16 लाख 86 हजार 804 प्रदेशवासी कोरोना संक्रमण से मुक्त होकर स्वस्थ हो चुके हैं। दूसरे प्रदेशों से आ रहे लोगों की समुचित जांच की जाए।
प्रदेश में अब तक 10 करोड़ 91 लाख 52 हजार 448 कोविड वैक्सीन डोज लगाए जा चुके हैं। 8 करोड़ 75 लाख लोगों ने टीके की पहली डोज प्राप्त कर ली है। यह टीकाकरण के लिए पात्र प्रदेश की कुल आबादी के 59 फीसदी से ज्यादा है। 02 करोड़ 16 लाख से अधिक लोगों ने टीके की दोनों डोज प्राप्त कर ली है।दूसरे डोज के लिए पात्र लोगों को समय से टीकाकवर दिया जाए। वैक्सीन की उपलब्धता बनाए रखने के लिए भारत सरकार से सतत संवाद-संपर्क बनाए रखें।
जनपद अमेठी, अमरोहा, बागपत, बलिया, बलरामपुर, एटा, फर्रुखाबाद, फतेहपुर, गाजीपुर, गोंडा, हमीरपुर, हापुड़, हरदोई, हाथरस, जालौन, कानपुर देहात, कानपुर नगर, कासगंज, लखीमपुर-खीरी, ललितपुर, महोबा, मैनपुरी, मऊ, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, रामपुर, संतकबीरनगर, श्रावस्ती, वाराणसी, सीतापुर और उन्नाव में कोविड का एक भी मरीज शेष नहीं है। यह जनपद आज कोविड संक्रमण से मुक्त हैं।
बरसात के मौसम में बीमारियों से बचाव के लिए विशेष सतर्कता की जरूरत है। डेंगू, डायरिया, कॉलरा सहित सभी वायरल बीमारियों से प्रभावित लोगों के समुचित उपचार की व्यवस्था रहे। सर्विलांस को और बेहतर बनाने की कोशिश हो। हर एक मरीज के स्वास्थ्य की सतत निगरानी की जाए। स्वच्छता, सैनिटाइज़ेशन, फॉगिंग का सघन अभियान लगातार जारी रखा जाए।
प्रधानमंत्री का 05 अक्टूबर को लखनऊ आगमन प्रस्तावित है। संबंधित कार्यक्रम के संबंध में सभी तैयारियां समय से पूरी कर ली जाएं। कार्यक्रम में प्रतिभाग करने वाले सभी लोगों का कोविड आरटीपीसीआर टेस्ट कराया जाना सुनिश्चित करें।
व्यापक जनहित को दृष्टिगत रखते हुए कोविड महामारी एक्ट के उल्लंघन से जुड़े दर्ज मुकदमों को समाप्त किया जाना चाहिए। गृह विभाग द्वारा इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही की जाए।
थाना व सर्किल सहित फील्ड में तैनात अवैध गतिविधियों में संलिप्त, खराब रिकॉर्ड वाले दागी पुलिसकर्मियों की सूची यथाशीघ्र तैयार कर प्रस्तुत की जाए। ऐसे लोग उत्तर प्रदेश पुलिस की साख खराब करने वाले हैं। सभी के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।