सोनभद्र में मलेरिया-डेंगू पर वार, संचारी रोगों के खिलाफ प्रशासन की मुहिम शुरू

सोनभद्र में मलेरिया-डेंगू पर वार, संचारी रोगों के खिलाफ प्रशासन की मुहिम शुरू

सोनभद्र, 06 अक्टूबर । जनपद में संचारी रोगों के बढ़ते खतरे को देखते हुए संचारी रोग नियंत्रण अभियान की शुरुआत कर दी गई है। सोमवार को मुख्य विकास अधिकारी (सडीओ) जागृति अवस्थी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) कार्यालय परिसर से हरी झंडी दिखाकर जागरूकता रैली को रवाना किया। इस रैली में आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी कर्मचारी, स्कूली छात्र और सफाई कर्मी शामिल हुए, जिन्होंने स्वच्छता, स्वास्थ्य और रोगमुक्त जीवन का संदेश देते हुए नगर में भ्रमण किया।

गांव-शहर सब होंगे सतर्क
अभियान की शुरुआत 5 अक्टूबर से हुई है और यह 31 अक्टूबर तक चलेगा। इसका उद्देश्य है- जनसामान्य को मलेरिया, डेंगू, डायरिया, फाइलेरिया, हैजा, टाइफाइड, पीलिया, टीबी, कोविड जैसी बीमारियों से बचाव के प्रति जागरूक करना और उन्हें स्वच्छ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना।

स्वास्थ्य, स्वच्छता और जागरूकता पर जोर
मुख्य विकास अधिकारी जागृति अवस्थी ने अभियान को लेकर बताया कि यह सिर्फ एक औपचारिक रैली नहीं है, बल्कि एक जनांदोलन है जिसका मकसद है लोगों को बीमारियों के स्रोत और उनकी रोकथाम के तरीकों से परिचित कराना। उन्होंने कहा कि रैली नगर क्षेत्र में घूमकर स्वच्छता के महत्व को रेखांकित करेगी। उन्होंने कहा, साफ-सफाई, व्यक्तिगत स्वच्छता, पानी जमा न होने देना, खुले में बिकने वाले खाद्य पदार्थों से परहेज, हाथ धोने की आदत और मच्छर जनित रोगों से बचाव ही इस अभियान का मूल मंत्र है।

सीएमओ ने गिनाईं बीमारियों की रोकथाम की दिशा में की जा रही पहल
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अश्वनी कुमार ने बताया कि यह इस साल का तीसरा विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान है। इसमें कुल 11 विभागों के संयुक्त प्रयास से काम किया जा रहा है। अभियान में स्वास्थ्य, शिक्षा, नगर निगम, आईसीडीएस, पंचायती राज, पशुपालन, जैसे विभाग सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस बार जलजनित और मच्छर जनित बीमारियों के साथ-साथ जानवरों से फैलने वाले रोगों के बारे में भी जागरूकता फैलाई जा रही है। इसके लिए नुक्कड़ नाटक, पंपलेट वितरण, दीवार लेखन, स्कूलों में विशेष कक्षाएं और घर-घर जाकर प्रचार जैसे प्रयास किए जा रहे हैं।

बच्चों और स्कूलों की भी अहम भागीदारी

अभियान में स्कूलों की विशेष भूमिका तय की गई है। बच्चों को पूरे बाजू के कपड़े पहनने, पानी उबालकर पीने और व्यक्तिगत स्वच्छता का पालन करने की सलाह दी जा रही है। स्कूलों में बच्चों को बीमारियों से बचाव की जानकारी दी जा रही है, जिससे वे अपने परिवार और पड़ोसियों को भी इसके प्रति जागरूक कर सकें।

जागरूकता का दिख रहा असर

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि बीते वर्षों में ऐसे अभियानों का सकारात्मक असर देखने को मिला है। पहले जहां संचारी रोगों के कारण अस्पतालों में भीड़ और कई बार मौतों के मामले सामने आते थे, वहीं अब ऐसी घटनाओं में कमी आई है। उन्होंने बताया कि अब संचारी रोगों के मामलों की संख्या में उल्लेखनीय गिरावट आई है और मृत्यु दर लगभग शून्य पर पहुंच चुकी है।

जानिए अभियान का मुख्य उद्देश्य

पानी को जमा न होने देना, विशेषकर कूलर, टंकी, गड्ढों आदि में।
व्यक्तिगत स्वच्छता- नहाना, साफ कपड़े पहनना, साबुन से हाथ धोना।
स्वच्छ पेयजल- केवल उबला या फिल्टर्ड पानी का सेवन।
खुले में बिकने वाले खाद्य पदार्थों से परहेज।
मच्छरदानी और रिपेलेंट का उपयोग।
बच्चों को जागरूक करना, ताकि वे परिवार में जानकारी साझा करें।

सोनभद्र में संचारी रोग नियंत्रण अभियान केवल एक सरकारी कार्यक्रम नहीं, बल्कि समाज को स्वस्थ बनाने की एक सामूहिक पहल है। इसके तहत लोगों को न केवल बीमारियों से बचाव की जानकारी दी जा रही है, बल्कि उन्हें व्यवहार में उतारने के लिए प्रेरित भी किया जा रहा है।

दीदार ए हिन्द की रीपोर्ट

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