गोरखपुर: घर से भटके मासूम को रामगढ़ताल पुलिस ने परिजनों से मिलवाया
गोरखपुर: घर से भटके मासूम को रामगढ़ताल पुलिस ने परिजनों से मिलवाया

गोरखपुर, 06 अक्टूबर रामगढ़ताल थाने की पुलिस ने अपनी संवेदनशीलता और तत्परता का परिचय देते हुए एक 7 वर्षीय भटके हुए बालक को सकुशल उसके परिजनों से मिलवाया। घटना रविवार की है, जब थाना क्षेत्र के बुद्ध बिहार इलाके में एक मासूम बच्चा सड़क किनारे बैठकर रोता हुआ मिला। बच्चे की हालत देखकर स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी।
घंटों की अथक मेहनत के बाद पुलिस को सफलता
सूचना मिलते ही थानाध्यक्ष रामगढ़ताल के नेतृत्व में उपनिरीक्षक चन्दन सिंह मय पुलिस टीम मौके पर पहुंचे और बच्चे को सुरक्षा में लिया। बच्चा भयभीत था और अपना नाम-पता बताने में असमर्थ था। पुलिस टीम ने उसे ढांढस बंधाया, पानी पिलाया और शांत कराया। तत्पश्चात बच्चे की पहचान करने के लिए पुलिस ने सोशल मीडिया, वायरलेस नेटवर्क व आस-पास के इलाकों में प्रचार-प्रसार शुरू किया। कुछ ही घंटों की अथक मेहनत के बाद पुलिस को सफलता मिली और बच्चे के परिजनों का पता चल गया। इसके बाद परिजनों से संपर्क कर आवश्यक औपचारिकताओं के बाद बच्चे को सकुशल उनके सुपुर्द कर दिया गया।
मानवीय प्रयास की स्थानीय लोगों ने जमकर सराहना
पुलिस के इस मानवीय प्रयास की स्थानीय लोगों ने जमकर सराहना की। उन्होंने कहा कि रामगढ़ताल पुलिस ने जिस संवेदनशीलता के साथ बच्चे की देखभाल की और उसे उसके घर तक पहुंचाया, वह पुलिस की जनसेवा के प्रति प्रतिबद्धता का प्रमाण है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गोरखपुर राज करन नय्यर ने इस कार्य के लिए टीम की प्रशंसा की और कहा कि यह घटना पुलिस की मानवीय छवि को और मजबूत बनाती है। उन्होंने यह भी कहा कि गोरखपुर पुलिस नागरिकों की सुरक्षा के साथ-साथ मानवीय संवेदनाओं की भी रक्षा के लिए सदैव तत्पर है।
उपनिरीक्षक चन्दन सिंह व उनकी टीम जिन्होंने बच्चे की खोज और परिजनों की पहचान में अहम भूमिका निभाई को विभागीय स्तर पर सराहना देने की भी चर्चा है।रामगढ़ताल पुलिस का यह प्रयास न केवल एक परिवार को पुनः मिलन का सुख दे गया, बल्कि यह भी साबित किया कि पुलिस केवल कानून-व्यवस्था की रखवाली नहीं करती, बल्कि जरूरत पड़ने पर समाज की “रक्षक” और “मित्र” की भूमिका भी बखूबी निभाती है।
दीदार ए हिन्द की रीपोर्ट


