अमेरिका में एक महिला ने अध्यापकों पर उसकी बेटी को लैंगिक पहचान बदलने के लिए बहकाने का आरोप लगाया
अमेरिका में एक महिला ने अध्यापकों पर उसकी बेटी को लैंगिक पहचान बदलने के लिए बहकाने का आरोप लगाया
लॉस एंजिलिस, 22 जनवरी। अमेरिका के कैलिफोर्निया राज्य में एक महिला ने एक स्कूल के अध्यापकों पर आरोप लगाया कि उन्होंने उसकी 11 वर्षीय बेटी को अपनी लैंगिक पहचान और नाम को बदलने के लिए बहकाया। महिला ने इस मामले में स्कूल के खिलाफ मामला भी दर्ज किया है।
एक रूढ़ीवादी कानूनी समूह ‘सेंटर फोर अमेरिकन लिबर्टी’ द्वारा बुधवार को दायर मुकदमे में आरोप लगाया गया है कि सालिनास वेली स्थित ‘स्प्रेकेल्स यूनियन स्कूल डिस्ट्रिक्ट’ उस ‘‘निर्मम व्यवहार’’ के लिए जिम्मेदार है, जिसके कारण छात्रा स्वयं को एक लड़के की तरह पहचानने की राह पर आगे बढ़ी तथा इस वजह से उसके और उसकी मां के बीच टकराव पैदा हुए।
जेसिका कोनेन ने कहा कि जब उसकी बेटी छठी कक्षा में थी, तब स्कूल के ‘इक्वेलिटी क्लब’ को चलाने वाले दो शिक्षकों ने उसकी बेटी के मन में इस बात के
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बीज बोए, कि वह उभयलिंगी (बाइसेक्सुअल) है और बाद में उसे समझाया गया कि वह ट्रांसजेंडर है। ‘इक्वेलिटी क्लब’ को ‘यू बी यू’ के नाम से भी जाना जाता है।
कोनेन की शिकायत है कि उसे स्कूल ने क्लब में उसकी बेटी की भागीदारी, उसे अध्यापकों द्वारा मुहैया कराए जा रहे साहित्य और प्रशासकों द्वारा तैयार की गई ‘‘लैंगिक समर्थन योजना’’ के बारे में अंधेरे में रखा। कोनेन ने कहा कि जब स्कूल ने उन्हें अचानक बताया कि उनकी बेटी स्वयं को उभयलिंगी समझती है, तो उन्हें समझ नहीं आया कि उन्हें क्या करना चाहिए तथा उन्होंने स्कूल को उनकी बेटी के लिए लड़के का नाम इस्तेमाल करने की अनुमति दे दी और सहयोग करने की कोशिश की, लेकिन यह मुश्किल था।
उसने कहा कि जब मार्च 2020 में महामारी के दौरान ऑनलाइन पढ़ाई शुरू हुई और उनकी बेटी फिर से पहले की तरह महसूस करने लगी और उसने अपने जन्म के नाम का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। कोनेन ने कहा कि उनकी बेटी अब भी दुविधा से जूझ रही है, लेकिन अब उसे ‘‘लगता है कि वह सांस ले सकती है और उस पर दबाव नहीं है।’’
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