गंगा में जल्द शुरू होगा गंगोत्री क्रूज का संचालन, नाइट स्टे के साथ ऐतिहासिक धरोहरों को निहार सकेंगे सैलानी…

गंगा में जल्द शुरू होगा गंगोत्री क्रूज का संचालन, नाइट स्टे के साथ ऐतिहासिक धरोहरों को निहार सकेंगे सैलानी…

वाराणसी, 30 सितंबर । काशीवासियों और यहां आने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों के लिए बड़ी खुशखबरी है। गंगा में जल्द ही एक और भव्य क्रूज “गंगोत्री क्रूज” का संचालन शुरू होने जा रहा है। यह न केवल काशी के घाटों का सुंदर नजारा कराएगा, बल्कि आसपास के जिलों की ऐतिहासिक और धार्मिक धरोहरों तक भी पर्यटकों को ले जाएगा। खास बात यह है कि इस क्रूज पर नदी में ही नाइट स्टे का अनुभव भी लिया जा सकेगा।

गंगोत्री क्रूज की खासियतें
गंगा में यह पांचवां और तीसरा बड़ा क्रूज होगा। तीन मंजिला इस क्रूज की लंबाई 52 मीटर और चौड़ाई 11 मीटर है। इसकी क्षमता 200 यात्रियों की होगी, जबकि 48 लोगों के लिए एक साथ नाइट स्टे की सुविधा उपलब्ध रहेगी। नाइट स्टे के लिए अलग से बुकिंग करानी होगी। प्रति व्यक्ति किराया 24 घंटे के लिए 30 हजार रुपये तय किया गया है।

बुकिंग और संचालन
क्रूज का उद्घाटन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों होना है। फिलहाल बुकिंग शुरू हो चुकी है, जो अभी अलकनंदा क्रूज की वेबसाइट से हो रही है। अगले सप्ताह से बुकिंग डॉट कॉम और अगोडा जैसे पोर्टलों पर भी इसकी बुकिंग उपलब्ध होगी। निदेशक विकास मालवीय के अनुसार, दीपावली से पहले इसका संचालन शुरू हो जाएगा।

यात्रा का अनुभव
गंगोत्री क्रूज की यात्रा रविदास घाट से शुरू होगी। यहां से यह मिर्जापुर जिले की ओर जाएगा, जहां मां विंध्याचल के दर्शन-पूजन का अवसर मिलेगा। इसके बाद चुनार किला, शूलटंकेश्वर महादेव, काशी के घाट, श्री काशी विश्वनाथ मंदिर और अंत में मारकंडेय महादेव धाम तक पर्यटकों को भ्रमण कराया जाएगा। हर पड़ाव पर सांस्कृतिक संध्या, काव्य पाठ, लोक नृत्य और संगीत कार्यक्रम आयोजित होंगे, जिससे यात्रियों को काशी और आसपास की सांस्कृतिक विरासत से जुड़ने का अवसर मिलेगा।

फिलहाल गंगा में चार क्रूज अलकनंदा, भागीरथी, विवेकानंद और मानेकशॉ संचालित हो रहे हैं। इनमें यात्रियों की मांग काफी अधिक है। उदाहरण के तौर पर, अलकनंदा और भागीरथी क्रूज में 80 में से 48 सीटें, जबकि विवेकानंद और मानेकशॉ में 200 में से 160 सीटें पहले ही बुक हो चुकी हैं। देव दीपावली के लिए भी बुकिंग जल्द शुरू होने वाली है। गंगोत्री क्रूज के शुरू होने से न केवल पर्यटन को नया आयाम मिलेगा, बल्कि काशी की धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहरों को देखने का अनोखा अनुभव भी पर्यटकों को प्राप्त होगा।

दीदार ए हिन्द की रीपोर्ट

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