सिन्धी कहानी: ख़ून, मूलः भगवान अटलाणी, (अनुवादः देवी नागरानी)

सिन्धी कहानी: ख़ून मूलः भगवान अटलाणी (अनुवादः देवी नागरानी) थका हुआ हूं पर नींद नहीं आती। गांव के ऊबड़-खाबड़ कच्चे रास्ते पर कुल मिलाकर दो घंटे साइकिल चलानी पड़ी होगी। हड्डी-पसली शिथिल हुई है। चारों तरफ़ अंधेरा है। इस गांव में बिजली भी तो नहीं है। दूर-दूर तक रोशनी की एक किरण भी नजर नहीं … Continue reading सिन्धी कहानी: ख़ून, मूलः भगवान अटलाणी, (अनुवादः देवी नागरानी)