सभी दलों ने सरकार से एमएसपी पर कानून बनाने के मुद्दे पर कदम उठाने की मांग की : खड़गे
सभी दलों ने सरकार से एमएसपी पर कानून बनाने के मुद्दे पर कदम उठाने की मांग की : खड़गे
नई दिल्ली, 28 नवंबर। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने रविवार को कहा कि संसद के शीतकालीन सत्र से पहले बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में सभी दलों ने सरकार से किसानों के उत्पादों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी को लेकर तत्काल कानून बनाने के संबंध में कदम उठाने की मांग की।
बैठक के बाद राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘सर्वदलीय बैठक में 15-20 महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई। सभी दलों ने मांग की कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून बनाने पर सरकार तुरंत ध्यान दे।’’
उन्होंने कहा कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों को मुआवजा देने का विषय तथा महंगाई, पेट्रोल-डीजल एवं वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के साथ तनाव का मुद्दा भी बैठक में उठा।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा बिजली संशोधन विधेयक पर भी सरकार से ध्यान देने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने उनसे कहा कि कुछ विधेयकों को पेश करने के बाद वह उसे संसद की स्थायी समिति को भेजना चाहती है और इस बारे में कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में कल तय हो जायेगा।
खड़गे ने कहा, ‘‘हम सरकार को सहयोग करना चाहते हैं। अच्छे विधेयक आयेंगे तब हम सरकार को सहयोग करेंगे। अगर हमारी बात नहीं मानी (चर्चा को लेकर) गई, तब सदन में व्यवधान की जिम्मेदारी सरकार की होगी।’’ कांग्रेस नेता खड़गे ने कहा कि बैठक में कोविड-19 की तीसरी लहर की आशंका के बारे में भी चर्चा हुई।
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उन्होंने कहा, ‘‘हमने सरकार से मांग की है कि कोविड महामारी के कारण जान गंवाने वालों को 4 लाख रूपये का मुआवजा दिया जाए। इसके अलावा तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों को भी मुआवजा दिया जाए।’’ खड़गे ने कहा, ‘‘हम अपेक्षा कर रहे थे कि बैठक में प्रधानमंत्री आएंगे, लेकिन किसी कारण से वह नहीं आए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम प्रधानमंत्री से कृषि कानूनों को लेकर कुछ बातों पर स्थिति स्पष्ट करना चाहते थे।’’ खड़गे ने कहा कि प्रधानमंत्री ने तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की और माफी मांगते हुए कहा कि वे किसानों को समझा नहीं पाये। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘इसका अर्थ यह है कि कल किसी दूसरे रूप में इन कानूनों को लाया जायेगा, हम इस पर स्थिति स्पष्ट करना चाहते थे।’’
समझा जाता है कि बैठक में सरकार की ओर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने के लिये विपक्ष का सहयोग मांगा और कहा कि सरकार नियमों के तहत अध्यक्ष एवं सभापति की अनुमति से सभी मुद्दों पर चर्चा कराने को तैयार है।
वहीं, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने संवाददाताओं का बताया, ‘‘सर्वदलीय बैठक में विभिन्न दलों के 42 नेताओं ने हिस्सा लिया। इसमें विभिन्न विषयों पर रचनात्मक चर्चा हुई और विपक्ष की ओर से कुछ अच्छे सुझाव आए। ’’
उन्होंने कहा कि सरकार विपक्ष के सकारात्मक सुझावों पर विचार करने और नियमों के तहत अध्यक्ष एवं सभापति की अनुमति से विभिन्न मुद्दों पर चर्चा कराने को तैयार है।
जोशी ने कहा, ‘‘हमने अपील की है कि सदन में बिना किसी व्यवधान के कामकाज हो। विपक्ष ने भी आश्वस्त किया है कि वे सदन को सुचारू रूप से चलाने में सहयोग करेंगे।’’ उल्लेखनीय है कि सर्वदलीय बैठक में 31 दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया। बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उपस्थित नहीं थे।
प्रधानमंत्री की अनुपस्थिति पर एक सवाल के जवाब में जोशी ने कहा कि ऐसी सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री के हिस्सा लेने का चलन नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के आने के बाद से शुरू हुआ है, पहले ऐसी बात नहीं थी। गौरतलब है कि संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार 29 नवंबर से शुरू होकर 23 दिसंबर तक चलेगा।
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