मंत्री ने ‘उच्च जाति की महिलाओं’ पर की गई अपनी टिप्पणी के लिए खेद व्यक्त किया

मप्र के मंत्री ने ‘उच्च जाति की महिलाओं’ पर की गई अपनी टिप्पणी के लिए खेद व्यक्त किया

भोपाल, 27 नवंबर। मध्य प्रदेश के मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने अपने बयान ” समाज में काम करने के लिए उच्च जातियों की महिलाओं को घरों से बाहर निकाला जाना चाहिए” पर खेद व्यक्त किया है। मंत्री के इस बयान से एक विवाद उत्पन्न हो गया था। हालांकि मंत्री ने इसके साथ ही कहा कि अपने भाषण में स्थानीय भाषा और हिंदी के मिश्रित उपयोग के कारण उनके बयान से कुछ गलतफहमी हुई है।

बुधवार को अनूपपुर जिले में एक समारोह में मंत्री द्वारा की गई टिप्पणी पर आपत्ति जताते हुए ‘श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना’ ने शुक्रवार को यहां मंत्री के सरकारी निवास के पास विरोध प्रदर्शन किया और मंत्री का पुतला जलाया। अपनी टिप्पणी पर रुख साफ करते हुए मंत्री ने एक बयान जारी कर कहा कि महिलाओं के सम्मान के लिए आयोजित एक समारोह में अपने संबोधन में राजपूतों या समाज के किसी अन्य वर्ग को चोट पहुंचाने का उनका कोई इरादा नहीं था। उन्होंने दावा किया कि उनके कुछ वाक्यों का गलत अर्थ निकाला गया। सिंह ने कहा, ” जिनके पास मेरे भाषण की रिकॉर्डिंग है। वे यदि मेरे भाषण को ध्यान से सुनेंगे तो मुझसे सहमत होंगे।”

उन्होंने कहा कि अपने निर्वाचन क्षेत्र में आमतौर पर वह लोगों से हिंदी और स्थानीय बोली सहित मिश्रित भाषा में बात करते हैं। इस संबोधन में भी उन्होंने इसी तरह की भाषा का इस्तेमाल किया था। उन्होंने कहा, ” इस तरह की अप्रिय स्थिति शुद्ध हिंदी नहीं बल्कि मिश्रित भाषा के कारण पैदा हुई होगी। सभी जानते हैं कि मैं आदिवासी वर्ग का प्रतिनिधित्व करता हूं और मैं इस वर्ग की महिलाओं से उनके उत्थान के बारे में बात कर रहा था।”

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मंत्री ने कहा कि अगर उच्च वर्ग की कुशल और शिक्षित महिलाएं काम के लिए आगे नहीं आती हैं तो पिछड़े समाज की महिलाएं किसका अनुसरण करेंगी और प्रेरणा लेंगी। उन्होंने कहा, ” मेरा कोई और इरादा नहीं था। यदि मेरे बयान से राजपूतों या किसी अन्य वर्ग की भावनाओं को ठेस पहुंची है तो मैं खेद व्यक्त करता हूं।”

अनूपपुर जिले में महिलाओं को सम्मानित करने के लिए आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा था, ” बड़े लोग (उच्च जाति) ठाकुर और कुछ अन्य बड़े लोग अपनी महिलाओं को घरों में रखते हैं और उन्हें बाहर नहीं जाने देते जबकि हमारे गांवों में (समाज के निचले तबके की) महिलाएं खेत और घर का काम करती हैं। आप आगे आएं और जितने बड़े बड़े ठाकुर-आकुर हैं न, उनका घर में जाकर महिलाओं को पकड़ बाहर निकालें। उनके साथ समाज का काम करें।”

श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के भोपाल जिला अध्यक्ष कृष्णा बुंदेला ने शुक्रवार को कहा कि मंत्री की आपत्तिजनक टिप्पणी से राजपूत समाज आहत हैं। उन्होंने कहा, ” मध्य प्रदेश के हमारे संगठन सचिव शैलेंद्र सिंह झाला ने हमें निर्देश दिया है कि जब भी हम सिंह को देंखे तो उनका चेहरा काला कर दें।” उन्होंने कहा कि करणी सेना के लगभग 300 कार्यकर्ता सिंह के आवास पर पहुंचे, लेकिन पुलिस ने उन्हें मंत्री के घर से कुछ दूरी पर रोक दिया।

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