प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन से पूर्व चालू हो जाएगा रामगंगा नदी पर बनने वाला पेट्रोन पुल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन से पूर्व चालू हो जाएगा रामगंगा नदी पर बनने वाला पेट्रोन पुल
शाहजहांपुर, 15 दिसंबर। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शाहजहांपुर आगमन से पूर्व प्रशासन कोलाघाट पर पैंटोन पुल चालू करने में युद्ध स्तर पर अधिकारियों का दावा है कि 17 दिसंबर तक पैंटोन पुल को चालू कर दिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि जलालाबाद से मिर्जापुर कलान बदायूं जाने वाले मार्ग पर बने बंगलौर रामगंगा नदी के ऊपर बनाए गए कोलाघाट पुल के अचानक ढह जाने के 15 दिन बाद भी पेट्रोन शुरू हो पाने से गुजरने वाले हजारों यात्रियों में शासन प्रशासन के खिलाफ आक्रोश व्याप्त है। जिसको लेकर लोगों ने शीघ्र चालू कराए जाने को
लेकर तमाम विरोध प्रदर्शन भी किए परंतु जैसे ही शाहजहांपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली होने की सूचना प्राप्त हुई प्रशासन पुल बनाए जाने की प्रक्रिया में युद्ध स्तर पर जुट गया ।इसमें पीडब्ल्यूडी विभाग के जेई सोमपाल सिंह और ज्ञानेंद्र शर्मा लगातार पेट्रोन पुल बनवाए जाने की प्रक्रिया में युद्ध स्तर पर लग गए जिसको लेकर करीब 100 मीटर लंबे इस पुल को बनाए जाने के लिए करीब 100000 बोरी रेत की भरी हुई नदी में लगाई गई। जिससे नदी की धारा को कुछ कम किया जा सके और पुल निर्माण में तेजी लाई जा सके। इसी क्रम में पीडब्ल्यूडी के जैैैजेई ज्ञानेंद्र शर्मा ने बताया कि पुल बनाए जाने में नदी पर 16 पीपे लगाए गए हैं जो कि 100 मीटर लंबे पुल बनाए जाने का कार्य कर रहे हैं पानी को अवरुद्ध किए जाने के लिए करीब 100000 बोरी रेत की लगाई गई है। सभी पेट्रोन लग कर तैयार हो गए हैं गाटर बिछाया जा रहे हैं ।उसके
बाद स्लीपर बिछाकर पुल को 17 तारीख की शाम तक अवश्य चालू कर दिया जाएगा। इसको लेकर दो हाइड्रा दो जेसीबी मशीनें रात दिन काम कर रही हैं। इसकी मानिटरिंग कमिश्नर से लेकर जिलाधिकारी तक कर रहे हैं।नाव से नदी को पार करने वाले यात्रियों को पुल बन जाने के बाद मिलेगी राहत इस समय लोगों को नदी पार करने के लिए ना वालों को 20 से ₹50 देकर नाव को बैठकर नदी को पार करना पड़ रहा है। जिससे पैदल चलने वाले लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है पुल बन जाने के बाद इन लोगों को राहत मिलेगी इसको लेकर निकलने वाले ग्रामीणों में उत्साह है।कोलाघाट पुल पर नदी में जहां नाव से हजारों लोग रोज इधर से उधर होते हैं एक गाय मृत अवस्था में नदी पड़ी हुई है जिसे चील कौवे नोच रहे हैं जबकि वहां मशीनें और हजारों मजदूर कर्मचारी काम कर रहे हैं। किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया
चिल कौवा के नोचे जाने से गाय नदी के पानी में सड़ रही है यदि इसी तरह है नदी में पड़ी रही तो प्रदूषण और दुर्गंध से लोगों का यहां से गुजरना मुश्किल हो जाएगा जिसको लेकर तमाम ग्रामीणों ने उप जिलाधिकारी बरखा सिंह पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों को गाय को पानी से निकलवा कर रेत में गढ़वा ए जाने की मांग की है परंतु शिकायत के बावजूद भी अधिकारी और प्रशासन सुनने को तैयार नहीं है इससे लोगों की समस्या बढ़ती जा रही है।
पढ़िए ”दीदार ए हिन्द” की रिपोर्ट