इस्तीफा देने वाले सपा विधायक सिविल अस्पताल में भर्ती

इस्तीफा देने वाले सपा विधायक सिविल अस्पताल में भर्ती

लखनऊ, 06 नवंबर। उत्तर प्रदेश स्थित अमेठी के गौरीगंज से सपा विधायक अपनी क्षेत्र की दो सड़कें न बनने से नाराज हैं। उन्होंने अपनी सदस्यता इस्तीफा दे दिया है। इसी मुद्दे को लेकर वह जीपीओ पर धरना दे रहे हैं। उनको शुक्रवार की रात डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी (सिविल) अस्पताल में भर्ती कराया गया।

अनशन कर रहे समाजवादी पार्टी (सपा) विधायक राकेश प्रताप सिंह को रात में पुलिस ने उठाया। उन्हें सिविल अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है। उन्हें ड्रिप लगाई गई है।

उन्होंने इस दौरान ट्विटर के माध्यम से जानकारी देते हुए लिखा, उत्तर प्रदेश सरकार की तानाशाही। कल रात करीब 12 बजे मुझे प्रशासन एवं पुलिस द्वारा झूठी रिपोर्ट पर जबरन सिविल अस्पताल में भर्ती कर दिया गया, सिविल अस्पताल की व्यवस्था बेहद खराब है, इस अस्पताल में मूलभूत सुविधाएं भी नही हैं, क्या उत्तर प्रदेश की सरकार से एक विधायक अपने क्षेत्र की सड़क के लिए मांग भी नहीं कर सकता है? ये निरंकुश सरकार जनता की आवाज दबाना चाहती है लेकिन हम यह होने नहीं देंगे। हमारी लड़ाई अंतिम सांस तक जारी रहेगी।

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उन्होंने आगे लिखा, मैं अपने अनशन के पहले दिन से लोकतांत्रिक तरीके से अनशन पर था, ना मेरी ओर से ना मेरे समर्थकों की ओर से कोई ऐसा कृत्य किया गया जिससे सामाजिक संतुलन बिगड़े। शासन व प्रशासन द्वारा मुझे जबरन सिविल अस्पताल लाया गया और मेरे दोनो हाथ बांधकर जबरन ड्रिप लगाई है।

क्या अपनी जनता के लिए आवाज उठाना गुनाह है ? क्या हमारे लोकतंत्र में जनहित के लिए कोई जगह नहीं है ? मैं पूछता हूं इस सरकार से। मेरा आमरण अनशन मेरी जनता की माँगों के पूरी होने तक जारी रहेगा।

ज्ञात हो कि विधायक की हालत शुक्रवार शाम बिगड़ गई। रात करीब 10:00 बजे पुलिस मौके पर पहुंची और अनशन खत्म करने को कहा। लेकिन विधायक अपनी जिद पर अड़े रहे। इस पर पुलिस ने देर रात उन्हें जबरन उठाया और सिविल अस्पताल में भर्ती करा दिया। अस्पताल में उन्होंने ड्रिप लगवाने से मना कर दिया। आरोप है कि उन्हें जबरन ड्रिप लगाई गई। अभी वह बेहोशी की स्थिति में है।

राकेश प्रताप अमेठी के गौरीगंज विधानसभा क्षेत्र से लगातार दूसरी बार विधायक चुने गए थे। विधायक ने दो अक्टूबर को प्रशासन को ज्ञापन देकर 31 अक्टूबर तक दोनों सड़कों के निर्माण शुरू कराने का अल्टीमेटम दिया था। उन्होंने कहा था कि कार्य शुरू नहीं हुआ तो वह पद से इस्तीफा दे देंगे। विधायक का कहना है कि वह सरकार की कार्यशैली के खिलाफ धरना दे रहे हैं। उनकी लड़ाई जारी रहेगी। राकेश प्रताप सिंह ने प्रदेश सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए हाल ही में अपनी विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दिया था। इसके बाद से वह लखनऊ में अनशन पर बैठे थे।

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