खनिजों का अवैध परिवहन रोकने की कवायद, ट्रांसपोटिर्ंग करनेवाली सभी गाड़ियों में जीपीएस आधारित ट्रैकिंग डिवाइस लगाना अनिवार्य
झारखंड में खनिजों का अवैध परिवहन रोकने की कवायद, ट्रांसपोटिर्ंग करनेवाली सभी गाड़ियों में जीपीएस आधारित ट्रैकिंग डिवाइस लगाना अनिवार्य
रांची, 01 नवंबर। झारखंड में अब खनिजों का परिवहन करनेवाली सभी गाड़ियों में जीपीएस और व्हेकिल ट्रैकिंग डिवाइस लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। राज्य के खान एवं भू-तत्व विभाग के निर्देश पर सभी जिलों में खनिजों का परिवहन करने वाले ट्रांसपोर्टर्स को इसके लिए निर्देश जारी किये गये हैं। यह कदम खनिजों की चोरी, अवैध परिवहन और वाहनों पर क्षमता से अधिक माल उठाने पर रोक लगाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
खान एवं भूतत्व विभाग ने झारखंड मिनरल्स रुल्स 2017 का हवाला देते हुए निर्देश दिया है कि आगामी 60 दिनों के अंदर वे गाड़ियों में जीपीएस और वाहन ट्रैकिंग डिवाइस लगा लें, अन्यथा उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। जीपीएस और वीटीडी के लिए इम्पैनल कंपनियों की सूची भी जारी की गयी है। जीपीएस और वीटीडी लगाने के बाद खान एवं भूतत्व विभाग के पोर्टल पर गाड़ियों का पंजीकरण कराना भी अनिवार्य कर दिया गया है। इसके लिए ट्रांसपोर्टरों को दिसंबर तक का वक्त दिया गया है।
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समीर वानखेड़े दिल्ली में एनसीबी मुख्यालय पहुंचे
विभागीय अधिकारियों के अनुसार अब जीपीएस के जरिये ट्रैक किया जायेगा किखदानों से खनिज लेकर गाड़ी कहां गयी, किस गाड़ी में कितनी मात्रा में खनिजों का उठाव हुआ और वह तय परमिट और रूट के बजाय कहीं और तो नहीं ले जायी गयीं। वाहन मालिकों के नाम जारी निर्देश में कहा गया है कि ऐसा नहीं किये जाने पर किसी भी गाड़ी को खनिजों का उठाव नहीं करने दिया जायेगा। इसका उल्लंघन होता है तो विभाग द्वारा खनिज परिवहन चालान तत्काल प्रभाव से स्थगित करने का फैसला लिया जा सकता है।
बता दें कि खनिजों की चोरी और तस्करी को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विभागीय समीक्षा के दौरान अधिकारियों को फटकार लगायी थी। उन्होंने राज्य में लक्ष्य के अनुरूप खनन सेक्टर से राजस्व की वसूली न होने पर चिंता जतायी थी। इसके बाद से विभाग ने खनिज चोरी और तस्करी रोकने के लिए इस तरह के कदम उठा रहा है।
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समीर वानखेड़े दिल्ली में एनसीबी मुख्यालय पहुंचे