पद्मश्री अजय ठाकुर ने अंतरराष्ट्रीय कबड्डी को कहा अलविदा..

पद्मश्री अजय ठाकुर ने अंतरराष्ट्रीय कबड्डी को कहा अलविदा..

शिमला, 30 दिसंबर । भारतीय टीम के पूर्व कप्तान पद्मश्री अजय ठाकुर ने अंतरराष्ट्रीय कबड्डी से संन्यास ले लिया। रविवार को ऑस्ट्रेलिया के मेलबोर्न में पीकेएल रेड इवेंट में ऑल टाइम मेवेरिक टीम की क प्तानी करते हुए जीत दर्ज करने के बाद अजय ठाकुर ने संन्यास की घोषणा की। हालांकि यह घोषणा कबड्डी प्रेमियों के लिए बड़ा झटका है, लेकिन अजय के अद्वितीय करियर और उपलब्धियों को देखते हुए यह फैसला समझने योग्य है। अजय ठाकुर ने हिमाचल के एक छोटे से गांव से निकलकर कबड्डी का इंटरनेशनल स्टार बनकर शोहरत की बुलंदियों को छुआ। अजय बीते डेढ़ दशक से से भारतीय कबड्डी से जुड़े हैं। प्रो कबड्डी और भारतीय कबड्डी टीम में उनके प्रदर्शन ने उन्हें भारत में सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाले खिलाडिय़ों में से एक बना दिया।

नालागढ़ के दभोटा गांव के निवासी अजय ठाकुर मौजूदा समय में ऊना में डीएसपी के पद पर सेवाएं दे रहे हैं। अजय ठाकुर ने अपने खेल से कई युवा प्लेयर्स को प्रेरित किया है। कई युवा खिलाड़ी उन्हें अपना आदर्श मानते हैं। पुलिस विभाग से सेवानिवृत्त हुए अजय के पिता छोटू राम अपने समय के नामी पहलवान रह चुके हैं। अजय ठाकुर ने सोशल मीडिया पर संन्यास का ऐलान करते हुए कहा कि वह अब काफी कबड्डी खेल चुके हैं। देश में अब युवा खिलाड़ी शानदार प्रर्दशन करते हुए आगे बढ़ रहे हैं।

युवाओं को दे रहे ट्रेनिंग

वर्तमान में अजय ठाकुर ने दभोटा में कोहिनूर स्पोट्र्स कबड्डी अकादमी खोली है। इसमें वह प्रदेश भर के युवाओं को प्रशिक्षण दे रहे हैं।

कबड्डी की दीवानगी, चौथी कक्षा में दस किलोमीटर पैदल चलकर जाते थे खेलने

इसे अजय ठाकुर की कबड्डी के प्रति दीवानगी ही कहा जा सकता है कि वह बचपन में 10 किलोमीटर तक पैदल सफर कर कबड्डी खेलने जाते थे। अजय जब चौथी कक्षा में थे, तब उन्हें पहली बार स्कूली स्तर पर 32 किलो भार वर्ग में कबड्डी खिलाड़ी के रूप में खेलने का मौका मिला। इसके बाद अजय ने पीछे मुडक़र नहीं देखा। 2001 में पहली बार अजय ने सबजूनियर राष्ट्रीय कबड्डी प्रतियोगिता में हिमाचल का प्रतिनिधित्व किया था। फिर वर्ष 2003 में अजय ने जूनियर स्तर पर राष्ट्रीय कबड्डी प्रतियोगिता में हिमाचल का प्रतिनिधित्व किया। इसके बाद सीनियर ग्रुप की राष्ट्रीय कबड्डी प्रतियोगिता में अजय ने हिमाचल के प्रमुख खिलाड़ी के तौर पर एंट्री ली, यहीं से राष्ट्रीय स्तर पर चयनकर्ताओं का ध्यान खींचने में अजय कामयाब हुए।

दीदार ए हिन्द की रीपोर्ट

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