टेस्ट मैचों में होना चाहिए इंजरी रिप्लेसमेंट का नियम: गंभीर…
टेस्ट मैचों में होना चाहिए इंजरी रिप्लेसमेंट का नियम: गंभीर…
-गौतम गंभीर कर रहे ‘इंजरी रिप्लेसमेंट’ की वकालत, स्टोक्स ने बताया ‘हास्यास्पद’

मैनचेस्टर, 28 जुलाई । भारतीय क्रिकेट टीम के हेड कोच कोच गौतम गंभीर और इंग्लैंड की टेस्ट टीम के कप्तान बेन स्टोक्स के बीच इंजरी रिप्लेसमेंट को लेकर एक तीखी बहस देखने को मिली। क्या किसी टीम को टेस्ट मैच के दौरान किसी खिलाड़ी की एक्सटर्नल इंजरी यानी बाहरी चोट के लिए उसकी जगह दूसरे प्लेयर को खिलाया जाना चाहिए? इस पर गौतम गंभीर पक्ष में दिखे, जबकि स्टोक्स ने कहा लोग इसका फायदा उठाएंगे। इंजरी रिप्लेसमेंट का मुद्दा तब उठा जब मैनचेस्टर टेस्ट के पहले दिन बल्लेबाजी करते हुए ऋषभ पंत के पैर के अंगूठे में फ्रैक्चर हो गया।
ऋषभ पंत आगे बल्लेबाजी नहीं कर पाए, जबकि स्कैन्स में पता चला कि उनको फ्रैक्चर है तो वे दूसरे दिन फिर भी बल्लेबाजी के लिए उतरे, क्योंकि इस तरह की इंजरी के लिए आपको रिप्लेसमेंट नहीं मिल सकता। हालांकि, फील्डर आपकी जगह फील्डिंग कर सकता है। गंभीर ने इस बात का समर्थन किया है कि इस तरह की चोट में रिप्लेसमेंट मिलना चाहिए। चौथे टेस्ट के बाद गौतम गंभीर ने कहा, “बिल्कुल, मैं इसके पक्ष में हूं। अगर अंपायर और मैच रेफरी देखते हैं और महसूस करते हैं कि यह एक गंभीर चोट है, तो मुझे लगता है कि यह बहुत जरूरी है। यह नियम होना बहुत जरूरी है कि आप एक सब्स्टीट्यूट खिलाड़ी को बुला सकें। अगर चोट साफ दिखाई दे रही हो, तो ऐसा होना चाहिए।”
उन्होंने आगे कहा, “ऐसा करने में कोई बुराई नहीं है, खासकर इस तरह की सीरीज में जहां पिछले तीन टेस्ट मैचों में कांटे की टक्कर रही है। सोचिए कि हमें 11 खिलाड़ियों के खिलाफ 10 खिलाड़ियों के साथ खेलना पड़ता। यह हमारे लिए कितना दुर्भाग्यपूर्ण होता।” हालांकि, बेन स्टोक्स इस बात से इत्तेफाक नहीं रखते। स्टोक्स का दावा है कि इस नियम का गलत इस्तेमाल हो सकता है। आपको बता दें, मौजूदा खेल परिस्थितियों में रिप्लेसमेंट केवल तभी संभव है जब किसी खिलाड़ी को कनकशन (कंधे के ऊपर) चोट लग जाए या मैच के दौरान कोविड हो जाए।
स्टोक्स ने कहा, “मुझे लगता है कि चोट के कारण रिप्लेसमेंट को लेकर इतनी चर्चा होना बिल्कुल बेतुका है। मुझे लगता है कि टीमों के लिए बहुत सारी खामियां होंगी, जिनसे वे निपट नहीं पाएंगे। आप एक मैच के लिए अपने 11 खिलाड़ी चुनते हैं; चोटें खेल का हिस्सा हैं। मैं कन्कशन रिप्लेसमेंट को पूरी तरह समझता हूं। खिलाड़ी की सुरक्षा और जीवन को ध्यान में रखते हुए, लेकिन मुझे लगता है कि चोट के कारण रिप्लेसमेंट को लेकर बातचीत बंद कर देनी चाहिए, क्योंकि अगर आप मुझे एमआरआई स्कैनर में डाल दें, तो मैं तुरंत किसी और को टीम में शामिल कर सकता हूं। अगर आप किसी और का एमआरआई स्कैनर लगाएंगे, तो गेंदबाज़ कहेगा, ‘अरे हां, तुम्हारे घुटने में थोड़ी सूजन है। वाह, हम एक और नया और फ्रेश बॉलर ला सकते हैं।’ मुझे लगता है कि इस बातचीत को बंद कर देना चाहिए।”
दीदार ए हिन्द की रीपोर्ट