रूस ने प्योंगयांग के लिए हवाई मार्ग खोला..

रूस ने प्योंगयांग के लिए हवाई मार्ग खोला..

मास्को, 28 जुलाई। रूस ने उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयांग के लिए मॉस्को से पहली सीधी यात्री उड़ान शुरू की। यह कदम दोनों देशों के बीच बढ़ते राजनयिक और सैन्य संबंधों का प्रतीक है। रूस की नॉर्डविंड एयरलाइंस द्वारा संचालित यह उड़ान न सिर्फ पर्यटन को बढ़ावा दे रही है, बल्कि वैश्विक मंच पर दोनों देशों की नजदीकी को भी दर्शा रही है।
उड़ान का शुभारंभ और इसका महत्व

मॉस्को के शेरेमेतयेवो हवाई अड्डे से रविवार शाम को बोइंग 777-200ईआर विमान ने 440 यात्रियों को लेकर प्योंगयांग के लिए उड़ान भरी। यह उड़ान करीब आठ घंटे की थी और इसका किराया 45,000 रूबल (लगभग 570 डॉलर) रखा गया। नॉर्डविंड के एक कर्मचारी ओलेग ने इसे “ऐतिहासिक घटना” बताया, जो दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करेगी। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि कितने यात्री इस उड़ान में सवार थे। रूस के परिवहन मंत्रालय ने कहा कि यह उड़ान फिलहाल महीने में एक बार चलेगी, ताकि मांग को समझा जा सके। यह पहली बार है जब 1990 के दशक के बाद मॉस्को और प्योंगयांग के बीच नियमित यात्री उड़ान शुरू हुई है।

पर्यटन को बढ़ावा देने की कोशिश
उत्तर कोरिया जो कोविड-19 महामारी के दौरान विदेशी पर्यटकों के लिए बंद था, अब धीरे-धीरे अपनी सीमाएं खोल रहा है। खास तौर पर रूस के पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए उत्तर कोरिया ने वॉनसन-काल्मा बीच रिसॉर्ट को बढ़ावा देना शुरू किया है। इस रिसॉर्ट में 20,000 लोगों के रहने की क्षमता है और यह उत्तर कोरिया की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की कोशिश का हिस्सा है। रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने हाल ही में इस रिसॉर्ट का दौरा किया और रूसी पर्यटकों को वहां जाने के लिए प्रोत्साहित करने का वादा किया। हालांकि, उत्तर कोरिया में नियमित पर्यटन अभी भी सीमित है और ज्यादातर समूह टूर के जरिए ही विदेशी पर्यटक वहां जा सकते हैं।

रूस-उत्तर कोरिया के बीच गहराते संबंध
विशेषज्ञों का मानना है कि यह उड़ान केवल पर्यटन तक सीमित नहीं है। यह रूस और उत्तर कोरिया के बीच बढ़ते सैन्य और राजनयिक सहयोग का हिस्सा है। 2022 में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद से दोनों देशों के रिश्ते और गहरे हुए हैं। उत्तर कोरिया ने रूस को हथियार और सैनिक मुहैया कराए हैं, हालांकि दोनों देश इन आरोपों से इनकार करते हैं। उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग-उन ने हाल ही में मॉस्को के प्रति “बिना शर्त समर्थन” की बात कही। रूसी विदेश मंत्री लावरोव ने भी उत्तर कोरिया के परमाणु हथियार कार्यक्रम को समर्थन देते हुए कहा कि वे इसके पीछे के कारणों को समझते हैं।

यात्रा के अन्य रास्ते
हवाई मार्ग के अलावा, रूस और उत्तर कोरिया ने जून 2025 में मॉस्को-प्योंगयांग के बीच रेल सेवा भी बहाल की थी, जो 10,000 किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तय करती है और इसमें आठ दिन लगते हैं। यह दुनिया की सबसे लंबी रेल यात्राओं में से एक है। इसके अलावा, उत्तर कोरिया की एयर कोर्यो एयरलाइंस पहले से ही व्लादिवोस्तोक और प्योंगयांग के बीच सप्ताह में तीन बार उड़ानें संचालित करती है।

वैश्विक चिंताएं
इस उड़ान और बढ़ते सहयोग ने दक्षिण कोरिया और अमेरिका जैसे देशों में चिंता बढ़ा दी है। उन्हें डर है कि रूस, उत्तर कोरिया को संवेदनशील तकनीक दे सकता है, जो उसके परमाणु और मिसाइल कार्यक्रम को और खतरनाक बना सकती है।

दीदार ए हिन्द की रीपोर्ट

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