अगले तीन साल में हम स्टेडियमों, पिचों और अपने क्रिकेट ढ़ांचे को बेहतर बनाएंगे : स्मिथ…

अगले तीन साल में हम स्टेडियमों, पिचों और अपने क्रिकेट ढ़ांचे को बेहतर बनाएंगे : स्मिथ…

जोहानिसबर्ग, 11 अप्रैल। दक्षिण अफ्रीका के पूर्व कप्तान ग्रीम स्मिथ ने कहा है कि उनकी टीम विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल जीत सकती है। इस पूर्व कप्तान ने कहा, ‘अगले तीन साल में हम स्टेडियमों, पिचों और अपने क्रिकेट ढ़ांचे को बेहतर करने के प्रयास जारी रखेंगे जिससे 2027 एकदिवसीय विश्व कप को जीता जा सके। दक्षिण अफ्रीका का सामना डब्ल्यूटीसी फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से होगा। ये पहली बार है जब दक्षिण अफ्रीकी टीम डब्ल्यूटीसी फाइनल में पहुंची है। स्मिथ ने उन बातों को अधारहीन बताया है जिसमें कहा गया कि डब्ल्यूटीसी फाइनल का दक्षिण अफ्रीका का सफर आसान रहा है। उन्होंने कहा, ‘आजकल क्रिकेट में कोई सफर आसान नहीं होता। शुरू ही से सभी टीमों को पता था कि किसे किससे खेलना है। दक्षिण अफ्रीका ने लगातार सात टेस्ट जीतकर क्वालीफाई किया है। सभी को टेस्ट इकोसिस्टम देखना चाहिए कि वह कैसे काम करता है। वहीं लीग क्रिकेट की बढ़ती लोकप्रियता को लेकर स्मिथ ने कहा कि टी20 क्रिकेट का बढ़ना तय है पर सभी सदस्य देशों को मिलकर ऐसा मॉडल बनाना होगा कि बाकी प्रारूप भी सुरक्षित रहें। साथ ही कहा कि, ‘मैं चाहता हूं कि टेस्ट क्रिकेट मजबूत रहे और अगर छह सात देशों में भी रह गया तो काफी प्रतिस्पर्धी होगा और मजबूत भी बना रहेगा। दुनिया भर में शुरू हो रही फ्रेंचाइजी आधारित टी20 लीग के बीच टेस्ट क्रिकेट के अस्तित्व को बचाये रखने के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘टी20 क्रिकेट ने अमेरिका और दूसरे क्षेत्रों में नये दर्शक दिए हैं और अब हम आने वाले समय में इसे ओलंपिक में भी देखेंगे। इसने काफी दर्शक जोड़े हैं। मुझे लगता है कि फ्रेंचाइजी आधारित क्रिकेट में अंत में दुनिया की सर्वश्रेष्ठ तीन चार लीग बचेंगी और शायद एक टू टियर सिस्टम। भविष्य में सभी सदस्य देशों को साथ मिलकर एक दूसरे की लीग को मजबूत बनाना होगा। उन्होंने कहा कि शेड्यूलिंग भी अहम है इससे राजस्व का प्रवाह बना रहता है। वहीं अगर ऐसा नहीं होता है तो टेस्ट क्रिकेट में दबाव आ जाएगा। उन्होंने कहा, ‘अगर इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसे देश एक दूसरे से ही खेलते रहे और अफ्रीकी या दूसरे देशों से नहीं खेलेंगे तो उनके लिए राजस्व हासिल करना कठिन हो जाएगा क्योंकि टेस्ट क्रिकेट पर अभी पहले से ही काफी दबाव है।

दीदार ए हिन्द की रीपोर्ट

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