15 साल की उम्र से ही शेफाली को पड़ने लगे थे मिर्गी के दौरे.

15 साल की उम्र से ही शेफाली को पड़ने लगे थे मिर्गी के दौरे.

मुंबई,। कांटा लगा गाने से स्टार बनीं एक्ट्रेस शेफाली जरीवाला ने खुलासा किया कि मिर्गी (एपिलेप्सी) की वजह से उन्हें करियर में कई बड़े प्रोजेक्ट्स छोड़ने पड़े। उन्होंने बताया कि सिर्फ 15 साल की उम्र से ही उन्हें मिर्गी के दौरे पड़ने लगे थे, जो किसी भी वक्त और कहीं भी आ सकते थे।
शेफाली ने कहा कि पढ़ाई के दौरान उन पर अच्छे नंबर लाने का भारी दबाव था, जिसकी वजह से वह तनाव और एंग्जायटी का शिकार हो गईं। यह तनाव मिर्गी के रूप में उनकी जिंदगी में बड़ा रोड़ा बन गया। उन्होंने बताया कि कांटा लगा की सफलता के बाद उन्हें कई बड़े काम मिले, लेकिन मिर्गी के कारण वह उन्हें पूरा नहीं कर पाईं। लोगों ने उनसे सवाल किया कि वह अन्य प्रोजेक्ट्स में क्यों नजर नहीं आईं, लेकिन इस बीमारी ने उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया। मिर्गी एक न्यूरोलॉजिकल विकार है, जिसमें मस्तिष्क की क्षतिग्रस्त कोशिकाओं से अनियंत्रित विद्युत संकेत बनने लगते हैं। इससे व्यक्ति को बार-बार दौरे पड़ते हैं। यह रोग किसी भी उम्र में हो सकता है और यह विश्व की चौथी सबसे आम न्यूरोलॉजिकल बीमारी है। शेफाली ने अपनी बीमारी से लड़ाई के दौरान समाज में मिर्गी को लेकर मौजूद शंकाओं और रूढ़ियों का भी सामना किया। हालांकि, उन्होंने बताया कि सही इलाज और नियमित चिकित्सा से इस बीमारी को नियंत्रित किया जा सकता है। इसके अलावा, मिर्गी के इलाज के लिए प्राचीन योग मुद्राएं और मंत्र भी सहायक हो सकते हैं।
धार्मिक आस्थाओं के अनुसार, मिर्गी मुद्रा के दौरान भगवान गणेश, शिवजी, हनुमानजी या देवी मां के मंत्रों का जाप करने से मानसिक शांति मिलती है और रोग से राहत मिलने में मदद हो सकती है। शेफाली जरीवाला ने अपनी बीमारी को लेकर जागरूकता फैलाने की अपील की और कहा कि सही समय पर डॉक्टर से परामर्श लेना बेहद जरूरी है। आज के समय में मिर्गी का इलाज संभव है, बशर्ते इसे गंभीरता से लिया जाए। बता दें कि 2002 में कांटा लगा गाने से रातों-रात स्टार बनीं शेफाली जरीवाला का करियर उनकी स्वास्थ्य समस्याओं के चलते बड़े पर्दे पर आगे नहीं बढ़ पाया।

दीदार ए हिन्द की रीपोर्ट

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