संदीपा धर ने माधुरी दीक्षित के सहज सौंदर्य और उनकी भावनाओं से भरी प्रस्तुति को देखकर नृत्य की असली शक्ति को महसूस किया…

संदीपा धर ने माधुरी दीक्षित के सहज सौंदर्य और उनकी भावनाओं से भरी प्रस्तुति को देखकर नृत्य की असली शक्ति को महसूस किया…

मुंबई, 30 अप्रैल । अभिनेत्री संदीपा धर का कहना है कि उन्होंने माधुरी दीक्षित के सहज सौंदर्य और उनकी भावनाओं से भरी प्रस्तुति को देखकर नृत्य की असली शक्ति को महसूस किया। अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस पर, संदीपा धर ने अपने नृत्य के प्रति प्रेम और अपनी प्रेरणा माधुरी दीक्षित को सलाम किया है।

संदीपा धर ने कहा, नृत्य में एक ऐसी सच्चाई होती है, जिसे शब्द कभी पूरी तरह बयां नहीं कर सकते। नृत्य मेरे लिए दशकों से सिर्फ एक कला नहीं, बल्कि एक साधना रहा है यह दुनिया को पूरे होशो-हवास में महसूस करने का एक जरिया है। संदीपा ने बचपन में संदीपा ने माधुरी दीक्षित के सहज सौंदर्य और उनकी भावनाओं से भरी प्रस्तुति को देखकर नृत्य की असली शक्ति को महसूस किया।

संदीपा ने अपनी भावना व्यक्त करते हुए कहा, माधुरी मैम को नाचते देखना किसी जीवंत कविता को देखने जैसा था। वह सिर्फ स्टेप्स नहीं करती थीं, बल्कि कहानियां सुनाती थीं, दिलों को छूती थीं। उन्होंने मुझे सिखाया कि नृत्य सिर्फ तकनीक नहीं, बल्कि सच्चाई, आत्मा और ईमानदारी से जुड़ा होता है।

संदीपा के लिए नृत्य आज भी खुद से जुड़ने का सबसे सच्चा माध्यम है। जीवन के हर पड़ाव में। उन्होंने कहा, नृत्य हर दिखावे को हटा देता है। यह आपको उस पल में पूरी तरह से जीवित महसूस कराता है। माधुरी मैम से मैंने सीखा है कि सच्चे और खुशी से भरे पलों में ही असली ताकत होती है। संदीपा ने कहा, आज मैं सिर्फ नृत्य का नहीं, बल्कि उन लोगों के जज़्बे का भी जश्न मना रही हूं जिन्होंने हमें नृत्य की असली खूबसूरती दिखाई। धन्यवाद माधुरी मैम, आपने मुझे दिल से नाचना सिखाया।

दीदार ए हिन्द की रीपोर्ट

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