महिलाएं हो रही एनीमिया की शिकार, डॉक्टर से जानें लक्षण और कैसे हो बचाव…

महिलाएं हो रही एनीमिया की शिकार, डॉक्टर से जानें लक्षण और कैसे हो बचाव…

विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा हाल ही में जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, दक्षिण एशिया में किशोर उम्र की लड़कियों और महिलाओं में से आधी एनीमिया की शिकार हैं। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सार्क, डब्ल्यूएचओ और यूनिसेफ जैसे संगठनों ने संबंधित सरकारों से तुरंत जरूरी कदम उठाने की सिफारिश की है। रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में दक्षिण एशिया की 25 करोड़, 90 लाख महिलाएं एनीमिया की शिकार हैं।

एनीमिया को पहचानें

एनीमिया इस बात का संकेत है कि शरीर में लाल रक्त कणिकाओं (आरबीसी) की संख्या में कमी आ गई है। आरबीसी की कमी संपूर्ण स्वास्थ्य और शरीर की क्षमता को सीधे तौर पर प्रभावित करती है। पूरे विश्व में आयरन की कमी को एनीमिया का सबसे प्रमुख कारण माना जाता है। पुरुषों की तुलना में महिलाएं एनीमिया की अधिक शिकार होती हैं। एक स्वस्थ महिला के शरीर में हीमोग्लोबिन का सामान्य स्तर 11 ग्राम/डीएल होता है। अगर यह स्तर नौ से सात ग्राम/डीएल हो तो यह माइल्ड एनीमिया होता है। इसे खानपान की मदद से ठीक किया जा सकता है। अगर यह स्तर छह से चार के बीच पहुंच जाए, तो इसे गंभीर एनीमिया कहते हैं। इसमें तुरंत उपचार की आवश्यकता होती है।

एनीमिया के लिए ये जिम्मेदार:

  • रक्त कोशिकाओं का अत्यधिक मात्रा में नष्ट हो जाना
  • हैमरेज या लगातार खून बहने से खून की मात्रा कम हो जाना
  • लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में कमी आ जाना
  • फोलेट, विटामिन-बी12 और विटामिन-ए जैसे पोषक तत्वों की कमी lसंक्रमण या लंबी बीमारी
  • आनुवंशिक कारण

किसको ज्यादा खतरा

महिलाओं को एनीमिया का खतरा पुरुषों से ज्यादा होता है, इस बात से तो आप वाकिफ ही हैं। इसके अलावा कुछ और बीमारियां इस रोग का खतरा बढ़ा देती हैं। किडनी के गंभीर रोगी, डायबिटीज, दिल की बीमारियों और रूमेटाइड आथर्राइटिस से पीड़ित लोगों को भी एनीमिया का खतरा ज्यादा होता है। साथ ही जिन लोगों की गंभीर सर्जरी हुई हो, उनके शरीर में भी खून की कमी हो सकती है।

कुछ लक्षणों का रखें ध्यान

कमजोरी और थकान महसूस होना, ‍ध्यान केंद्रित करने में परेशानी होना, दिल की धड़कन आसामान्य हो जाना, सांस उखड़ना और चक्कर आना और चिड़चिड़ापन, ये सब एनीमिया के सामान्य लक्षण हैं। अगर यह स्थिति ज्यादा गंभीर हो जाए तो छाती में दर्द, सिर दर्द या पैरों में दर्द, ·जीभ में जलन, मुंह और गला सूखना, मुंह के कोनों पर छाले हो जाना, बालों का कमजोर होकर टूटना, निगलने में तकलीफ होना और त्वचा, नाखून और मसूड़ों का पीला पड़ जाना जैसे लक्षण भी नजर आ सकते हैं।

रोकथाम के लिए इन्हें आजमाएं

संतुलित भोजन खाएं, जिसमें मांस, अंडे, साबुत अनाज, सूखे मेवे, फल और हरी पत्तेदार सब्जियां भरपूर मात्रा में हों।

अगर पीरियड के दौरान बहुत ज्यादा रक्तस्राव हो रहा हो, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें। ज्यादा रक्तस्राव से शरीर में आयरन की कमी हो सकती है।

गर्भवती हैं, तो डॉक्टरी परामर्श के अनुसार आयरन सप्लीमेंट खाएं।

समय से पहले जन्मे बच्चों में आयरन की कमी हो जाती है। ऐसे बच्चाें के खानपान पर विशेष ध्यान दें।

एक चुकंदर और एक सेब का जूस निकालें। इसमें एक चम्मच शहद मिलाएं और दिन में एक बार पिएं।

दिन में दो बार एक पका केला एक छोटे चम्मच शहद के साथ खाएं।

10 मुनक्का को रात भर पानी में भिगोएं और सुबह खाली पेट खा लें।

टमाटर और सेब का जूस पिएं।

अधिक मात्रा में हरी पत्तेदार सब्जियां खाएं। सब्जियों का रंग जितना गहरा होगा, उनमें आयरन की मात्रा उतनी ही ज्यादा होगी।

शहद एनीमिया के रोगियों के लिए बहुत अच्छा होता है। यह आयरन, कॉपर और मैग्नीशियम से भरपूर होता है।

सेब में आयरन काफी मात्रा में होता है, इसलिए रोज एक सेब खाएं।

सात बादाम रात भर पानी में भिगोएं। सुबह छिलका छीलकर खाली पेट खाएं।

हमारा शरीर आयरन के शाकाहारी स्रोतों की तुलना में पशु उत्पादों से मिलने वाले आयरन को आसानी से ग्रहण कर लेता है। अगर आप मांसाहारी हैं, तो सप्ताह में एक बार मांसाहार जरूर खाएं। (मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल, फरीदाबाद में गाइनेकोलॉजी विभाग की प्रमुख डॉ. श्वेता मेंदिरत्ता से बातचीत पर आधारित)

दीदार ए हिन्द की रीपोर्ट

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