देश में 2030 तक 500 अरब डॉलर तक इलेक्ट्रॉनिक्स वस्तुओं का उत्पादन होगा शुरू

देश में 2030 तक 500 अरब डॉलर तक इलेक्ट्रॉनिक्स वस्तुओं का उत्पादन होगा शुरू

-भारत की वैश्विक हिस्सेदारी बढ़ाने पर जोर

नई दिल्ली, 04 जनवरी । केंद्र सरकार ने साल 2030 तक देश में 500 अरब डॉलर तक इलेक्ट्रॉनिक्स वस्तुओं के उत्पादन शुरू करने के लिए इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तत्त्वावधान में विस्तृत रणनीति रिपोर्ट तैयार करने के लिए सेलुलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आईसीईए) और कंसल्टेंसी फर्म बेन ऐंड कंपनी से सहयोग लिया है। मामले से जुड़े सूत्रों ने बताया कि यह रिपोर्ट अगले कुछ दिनों में संचार मंत्री अश्विनी वैष्णन जारी कर सकते हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए महत्त्वाकांक्षी दृष्टिकोण की घोषणा कुछ महीने पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की है। इलेक्ट्रॉनिक्स की वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला (जीवीसी) में भारत की भागीदारी सशक्त बनाने के लिए पिछले साल जुलाई में नीति आयोग ने अध्ययन किया था। इसमें यह कहा गया था कि यह महत्त्वाकांक्षी सपना साकार हो सकता है और इसमें कम से कम 200 अरब डॉलर निर्यात से आएंगे, जहां तैयार वस्तु और कलपुर्जे की प्रमुख भूमिका रहेगी। अध्ययन में इससे 55 से 60 लाख नौकरियां पैदा होने की भी संभावना भी है। अध्ययन में लक्ष्य को हासिल करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में नीतिगत हस्तक्षेप करने का भी सुझाव दिया गया है। अब मंत्रालय न केवल भारतीय बाजार के लिए बल्कि दुनिया भर में निर्यात के लिए पुर्जों की वृहद आपूर्ति श्रृंखला बनाने के लिए 40 हजार करोड़ रुपये से अधिक के बजट के साथ इलेक्ट्रॉनिकी पुर्जों के लिए उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को एक साथ लाने की तैयारी में है। लक्ष्य हासिल करने के लिए की गई खास चर्चा के आधार पर आने वाली रिपोर्ट में इलेक्ट्रॉनिक्स के विभिन्न क्षेत्र के लिए लक्ष्य तय किए जाने की उम्मीद है, जिसमें मोबाइल डिवाइस, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, वाहन इलेक्ट्रॉनिक्स, दूरसंचार इलेक्ट्रॉनिक्स, सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) सर्वर, हियरेबल्स, वेयरेबल्स और चिकित्सा इलेक्ट्रॉनिकी शामिल हैं। चर्चा का उद्देश्य साल 2030 तक वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी को 6 से 7 फीसदी तक करने का है।

दीदार ए हिन्द की रीपोर्ट

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