उच्च न्यायालय ने कोविड-19 महामारी से निपटने के मामले में सरकार की प्रशंसा की

बंबई उच्च न्यायालय ने कोविड-19 महामारी से निपटने के मामले में महाराष्ट्र सरकार की प्रशंसा की

मुंबई, 13 दिसंबर। बंबई उच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि महाराष्ट्र राज्य ” अग्रणी राज्यों’ में है जिससे कोविड-19 महामारी की वजह से उत्पन्न चुनौती का सफलतापूर्वक सामना किया।

अदालत ने कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर का संदर्भ देते हुए उम्मीद जताई कि नये साल में नई शुरुआत होगी और लोग कभी भी अप्रैल 2021 की पुनरावृत्ति नहीं देखेंगे।

मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति एम एस कर्णिक की पीठ ने यह टिप्पणी पिछले साल दाखिल जनहित याचिकाओं का निस्तारण करते हुए की जिसमें राज्य सरकार की कोशिशों, महामारी संबंधी संसाधनों के वितरण सबंधी मुद्दो को लेकर उच्च न्यायालय से राहत देने का अनुरोध किया गया था।

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न्यायालय ने जनहित याचिकाओं का निस्तारण याचिकाकर्ताओं द्वारा उन्हें वापस लेने की अनुमति मांगने के बाद किया। याचिकाकर्ताओं ने कहा कि उनकी याचिका में अनुरोध की गयी अधिकतर राहतों को पहले ही मंजूरी दे दी गई है और राज्य सरकार ने अदालत द्वारा पारित सभी आदेशों का अनुपालन किया है।

अदालत ने कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर का संदर्भ देते हुए कहा,” हम सभी को अंधेरे दिनों को भूल जाना चाहिए लेकिन हमें सतर्कता कम नहीं करनी है। हम उम्मीद करते हैं कि नए साल में नई शुरुआती होगी और हम कभी अप्रैल 2021 को दोहराते हुए नहीं देखेंगे।”

अदालत ने कहा, ”हमें यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि महाराष्ट्र कोविड-19 से निपटने के मामले अग्रणी राज्यों में रहा। हमें बताया गया कि कई राज्यों में अभी तक कई अदालतें नहीं खुली (आमने सामने की सुनवाई) हैं। हमारी सामूहिक कोशिश सफल रही है, लेकिन हम उस स्थिति का दोहराव नहीं चाहते हैं।

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