‘आर्थिक मंदी पर तत्काल नीतिगत ध्यान देने की जरूरत’, बोले आरबीआई के एमपीसी सदस्य नागेश कुमार..
‘आर्थिक मंदी पर तत्काल नीतिगत ध्यान देने की जरूरत’, बोले आरबीआई के एमपीसी सदस्य नागेश कुमार..
नई दिल्ली,। भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीस) के सदस्य नागेश कुमार के अनुसार देश में चल रही आर्थिक मंदी इस हद तक गंभीर हो गई है, जिसपर तत्काल नीतिगत ध्यान देने की आवश्यकता है। दिसंबर एमपीसी बैठक के दौरान रेपो दर में 25 आधार अंकों (बीपीएस) की कटौती की वकालत करते हुए , कुमार ने घटती वृद्धि और मुद्रास्फीति संबंधी चिंताओं की दोहरी चुनौतियों को दूर करने की तत्काल आवश्यकता पर प्रकाश डाला है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर से जारी बैठक के मिनटों के अनुसार, इसके सदस्य नागेश कुमार ने जोर देकर कहा कि अक्तूबर 2024 की एमपीसी बैठक के बाद से आर्थिक स्थिति काफी खराब हो गई है। कुमार ने भारत की आर्थिक वृद्धि में भारी गिरावट की ओर इशारा किया। 2024-25 की दूसरी तिमाही के लिए जीडीपी विकास दर उसी वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 6.7 प्रतिशत और 2023-24 में 8.2 प्रतिशत की तुलना में घटकर 5.4 प्रतिशत हो गई है।
कुमार ने कहा कि यह गिरावट अपेक्षा से अधिक तेज है और इसने वर्ष के लिए सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि पूर्वानुमानों में व्यापक कटौती करवा दी है।कुमार ने तर्क दिया कि 25 आधार अंकों की दर में कटौती मुद्रास्फीति को बढ़ाए बिना आर्थिक विकास को पुनर्जीवित करने में मदद कर सकती है। उन्होंने कहा कि कीमतों में मौसमी सुधार के साथ मुद्रास्फीति के दबाव कम हो सकते हैं, जिससे सहायक नीति उपायों के लिए जगह बन सकती है।
कुमार ने अर्थव्यवस्था में तरलता में सुधार के लिए गैर-दर उपायों की खोज करने की भी सिफारिश की। उन्होंने नकदी आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में 50 आधार अंकों की कटौती का सुझाव दिया, जो कि तरलता बढ़ाने और आर्थिक सुधार का समर्थन करने के उपायों में से एक है। दिसंबर एमपीसी बैठक के मिनट अर्थव्यवस्था की स्थिति पर बढ़ती चिंताओं को दर्शाते हैं, जिसमें 6 सदस्यों में से दो ने नीति दरों को कम करने के लिए मतदान किया। जबकि आरबीआई के पूर्व गवर्नर शक्तिकांत दास समेत अन्य चार सदस्यों ने नीतिगत दरों को अपरिवर्तित रखने के पक्ष में मतदान किया। एमपीसी की अगली बैठक 5 से 7 फरवरी, 2025 को होनी है।
दीदार हिन्द की रीपोर्ट