अंधविश्वास विरोधी कानून: केरल सरकार के फैसले की आलोचना…
अंधविश्वास विरोधी कानून: केरल सरकार के फैसले की आलोचना…

तिरुवनंतपुरम, 27 जून।
केरल शास्त्र साहित्य परिषद ने समाज में अंधविश्वास और अंध विश्वासों पर आधारित शोषण का मुकाबला करने के लिए कानून बनाने से पीछे हटने के केरल सरकार के फैसले पर आपत्ति जताई है।
परिषद ने एक बयान में कहा कि इस मामले पर केरल उच्च न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत एक हलफनामे में केरल सरकार ने अंधविश्वास की आड़ में किए जाने वाले शोषण और अत्याचारों से निपटने के लिए कानून बनाने की प्रक्रिया से पीछे हटने के अपने फैसले का खुलासा किया।
बयान में कहा गया है, “सरकार द्वारा यह कदम उठाना बेहद चिंताजनक और बेहद आपत्तिजनक है। इस समय यह भी ध्यान देने योग्य है कि महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे राज्यों ने पहले ही अंधविश्वास में निहित शोषण के खिलाफ कानून बनाए हैं।”
इसमें कहा गया है, “हाल के दिनों में, यह दिखाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं कि लोग अंधविश्वास और तर्कहीन प्रथाओं की ओर तेजी से आकर्षित हो रहे हैं। इस तथ्य का समर्थन करते हुए, अंधविश्वास से जुड़े कई घोटाले, हत्याएं और अन्य आपराधिक कृत्य लगातार प्रकाश में आ रहे हैं।”
दीदार ए हिन्द की रीपोर्ट