भारत को धमकाने वाले ट्रंप की पुतिन के आगे एक नहीं चली, डीलमेकर और पीसमेकर की छवि को बड़ा झटका, बॉडी लैंग्वेज से समझें…

भारत को धमकाने वाले ट्रंप की पुतिन के आगे एक नहीं चली, डीलमेकर और पीसमेकर की छवि को बड़ा झटका, बॉडी लैंग्वेज से समझें…

वॉशिंगटन, 17 अगस्त । पीसमेकर और डीलमेकर बताकर खुद की वाहवाही करने वाले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ अलास्का में हुई वार्ता बेनतीजा रही। बातचीत खत्म होने के बाद संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ट्रंप ने खुद ये बात स्वीकार की। उन्होंने कहा कि पुतिन से वार्ता के दौरान किसी समझौते पर नहीं पहुंचे। ट्रंप ने कहा कि हालांकि, दोनों के बीच कई मुद्दों पर सहमति बनी लेकिन जब तक असल डील न हो, कोई डील नहीं होती। इस बीच एक्सपर्ट ने पुतिन और ट्रंप की मुलाकात को बॉडी लैंग्वेज के लिए मास्टर क्लास बताया है। वहीं, ये शिखर वार्ता ट्रंप की डीलमेकर छवि के लिए बड़ा धक्का लेकर आई है।

बंद कमरे में मुलाकात के लिए पहुंचने के दौरान दोनों का वीडियो सामने आया है। वार्ता के लिए कमरे में जानें के दौरान पुतिन पूरी तरह कॉन्फिडेंट नजर आए। पुतिन ने कमरे में पहले एंट्री ली, जबकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप उनके बाद घुसे। इस दौरान ट्रंप के चेहरे पर एक निराशा और कन्फ्यूजन दिखाई दे रहा था। इतना ही नहीं, पुतिन अधिकारभाव से लीडरशिप दिखाते हुए आकर खड़े हुए। इस दौरान पुतिन कमांडिग पोजीशन में थे। ट्रंप का कन्फ्यूजन इतना ज्यादा था कि पहले वो खुद बैठने लगे फिर उन्होंने खड़े होकर पुतिन से बैठने को कहा।

नहीं बनी किसी समझौते पर सहमति
तीन घंटे की बैठक के बाद दोनों नेताओं में यूक्रेन युद्ध को लेकर किसी समझौते पर सहमति नहीं बनी। दोनों नेताओं ने इसके बाद मीडिया को संयुक्त बयान दिया और बिना किसी सवाल का जवाब दिए बिना चले गए। ट्रंप ने शिखर सम्मेलन के बाद कहा कि जब तक कोई डील नहीं होती, तब तक कोई डील नहीं है। यह बात को घुमाकर कहने का तरीका था कि कोई समझौता नहीं हुआ है। राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि उन्हों पुतिन के साथ ‘कुछ बड़ी प्रगति’ की है, लेकिन इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी और इसे कल्पना पर छोड़ दिया गया है।

ट्रंप की पीसमेकर छवि को बड़ा झटका
बीबीसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस शिखर सम्मेलन ने डोनाल्ड ट्रंप की शांति समझौता कराने वाली पीसमेकर छवि को बड़ा झटका लगाया है। मुलाकात से एक दिन पहले ही ट्रंप ने कहा था कि उन्होंने छह महीने से भी कम समय में छह शांति समझौते कराए हैं। उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच मई में हुई संघर्ष के बाद युद्धविराम का भी क्रेडिट लिया, जिसे भारत लगातार खारिज करता रहा है।

ट्रंप जो खुद को पीसमेकर और डीलमेकर बताना पंसद करते हैं, ऐसा लगता है कि उनके लिए अलास्का में इनमें से किसी छवि को बचाना संभव हुआ है। पुतिन ने अगली मुलाकात मॉस्को में करने का ऑफर दिया है, इसके बावजूद ऐसे कोई संकेत नहीं हैं कि यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के साथ कोई शिखर सम्मेलन होने वाला है।

ट्रंप की प्रतिष्ठा को भारी नुकसान
हालांकि, इस वार्ता में यूक्रेन या रूस की तुलना में ट्रंप का बहुत कम दांव पर लगा था, लेकिन यह उनकी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा को धक्का पहुंचाएगा। इसके अलावा ट्रंप को चुप खड़े रहने का अपमान भी सहना पड़ा। पुतिन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत की। यह ओवल ऑफिस की सामान्य दिनचर्या से अलग था, जहां अमेरिकी राष्ट्रपति आमतौर पर दरबार लगाते हैं और उनके विदेशी समकक्ष चुपचाप सुनते हैं। हालांकि, अलास्का आज अमेरिकी क्षेत्र है, लेकिन बॉडी लैंग्वेज से पता चलता है कि पुतिन वहां ज्यादा सहज लग रहे थे।

दीदार ए हिन्द की रीपोर्ट

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