बच्चों को गद्दों पर सुलाने वाले हो जाएं सावधान, वरना ब्रेन को हो सकता है नुकसान…

बच्चों को गद्दों पर सुलाने वाले हो जाएं सावधान, वरना ब्रेन को हो सकता है नुकसान…

बच्चों की नींद काफी जरूरी होती है. उतना ही जरूरी है उनका सोने का माहौल. हाल ही में एक स्टडी में खुलासा हुआ है कि बाजार में मिलने वाले कई बच्चों के गद्दे उनके लिए काफी नुकसानदायक साबित हो सकते हैं. दरअसल, गद्दों में थैलेट नामक प्लास्टिसाइजर, फ्लेम रिटार्डेंट्स और दूसरे हार्मफुल केमिकल्स पाए हैं, जिनके सोते वक्त सांस लेने और एब्जॉर्ब करने की संभावना होती है, जिससे कई हेल्थ रिस्क बढ़ जाते हैं.

वेक-अप कॉल
रिसर्च में सामने आया कि नींद ब्रेन के डेवलपमेंट के लिए जरूरी है, खासकर बेबीज और छोटे बच्चों के लिए. वहीं कई गद्दों में ऐसे केमिकल होते हैं जो बच्चों के दिमाग को नुकसान पहुंचा सकते हैं. ये मैन्युफैक्चरर और पॉलिसीमेकर्स के लिए एक वेक-अप कॉल है ताकि ये देखा जा सके कि हमारे बच्चों के लिए बिस्तर सेफ हैं और हेल्दी ब्रेन डेवलपमेंट को सपोर्ट करते हैं.

स्टडी में खुलासा
स्टडी में खुलासा हुआ कि 6 महीने से 4 साल की उम्र के बच्चों के बेडरूम में हवा की जांच की और साथ ही 16 नए बच्चों के गद्दों को परखा गया. जब उन्होंने बच्चों के वजन और शरीर के तापमान जैसी स्थितियों को दोहराया, तो पाया कि गद्दों से निकलने वाले रसायनों की मात्रा कई गुना बढ़ गई थी.

बीमारियां
इससे ना सिर्फ बच्चे के दिमाग में असर पड़ता है बल्कि अस्थमा, एलर्जी, हार्मोनल असंतुलन और यहां तक कि कुछ कैंसर से भी जुड़ा हुआ माना जा रहा है.

क्या करें मां-बाप

बच्चों के गद्दे खरीदते समय “नॉन-टॉक्सिक” और “ओर्गेनिक” टैग वाले प्रोडक्ट्स चुनें.

बिस्तर की चादरें और पजामे नियमित रूप से धोएं.

गद्दे के ऊपर एक सुरक्षित, धुल सकने वाला कवर लगाएं.

कमरे को हवादार रखें और रूम फ्रेशनर या अन्य उत्पादों से बचें.

ऐसे करें बचाव

तकियों, कंबल और खिलौनों की संख्या कम करके बच्चों के स्लीपिंग एरियाज को अव्यवस्थित करने की सलाह देते हैं. वो आपके बच्चे के बिस्तर और बेड के कपड़ों को बार-बार धोने और रिफ्रेश करने की भी सलाह देते हैं क्योंकि ये रिस्क को कम करने के लिए एक प्रोटेक्टिव बैरियर तौर पर काम करता है.

दीदार ए हिन्द की रीपोर्ट

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