बचपन से ही महाराष्ट्र के महान लोगों की ऐतिहासिक कहानियों में बहुत रुचि थी : ओम राउत…

बचपन से ही महाराष्ट्र के महान लोगों की ऐतिहासिक कहानियों में बहुत रुचि थी : ओम राउत…

मुंबई, 11 अगस्त । जानेमाने फिल्मकार ओम राउत का कहना है कि बचपन से ही उन्हें महाराष्ट्र के महान लोगों की ऐतिहासिक कहानियों में बहुत रुचि थी। ओम राउत अपनी फिल्मों में भारत के इतिहास की बहादुरी भरी कहानियों को पर्दे पर जीवंत करते हैं। ‘लोकमान्य: एक युगपुरुष’, ‘तान्हाजी: द अनसंग वॉरियर’ और अब घोषित हुई ‘इंस्पेक्टर झेंडे’ जैसी उनकी फिल्मों की यात्रा को देखकर लगता है कि वे सिर्फ ऐतिहासिक कहानियों को ही नहीं, बल्कि अपनी दूरदर्शी सोच से सिनेमा को भी एक नई उंचाई दे रहे हैं।
ओम राउत ने बताया कि बचपन से ही उन्हें महाराष्ट्र के महान लोगों की ऐतिहासिक कहानियों में बहुत रुचि थी। उन्होंने कहा, हमारी संस्कृति और भारत के महान इतिहास में जो कहानियां हैं, मैं उन्हें बताना चाहता हूं। मैं महाराष्ट्र का और मराठी लड़का होने के कारण, ये कहानियां सुनकर ही बड़ा हुआ हूं। मेरे दादा-दादी और माता-पिता ने मुझे ये कहानियां सुनाईं। इसलिए, इन कहानियों का मुझ पर बहुत गहरा असर हुआ है। मुझे जो कुछ समझ आया है, मैं उसे ही सिनेमा के माध्यम से फिर से पेश करने की कोशिश करता हूं।
ओम राउत ने कहा, मराठी होने पर मुझे बहुत गर्व है। मैं महाराष्ट्रियन संस्कृति से आया हूं, इसलिए मुझे भारतीय महान लोगों की कहानियां बहुत आकर्षित करती हैं। मुझे लगता है कि आज के भारत को बनाने में इन सभी लोगों का बहुत बड़ा योगदान है, इसमें स्वतंत्रता से पहले और बाद के लोग भी शामिल हैं।इसीलिए, मुझे अपनी मिट्टी की कहानियां सुनाना पसंद है। इसीलिए हमने ‘लोकमान्य: एक युगपुरुष’ और ‘तान्हाजी: द अनसंग वॉरियर’ जैसी फिल्में बनाईं, जिनमें छत्रपति शिवाजी महाराज के सूबेदार तानाजी मालुसरे पर ध्यान केंद्रित किया गया। ये सभी महान लोग, जिनमें इंस्पेक्टर झेंडे भी शामिल हैं, महाराष्ट्र की धरती से हैं। इन लोगों ने हमारे देश की समृद्धि में जो योगदान दिया है, वह बहुत महत्वपूर्ण है। ऐसे महान लोगों के बारे में मुझे जो कुछ पता है, वह सब दर्शकों के सामने लाना मुझे अच्छा लगता है।

दीदार ए हिन्द की रीपोर्ट

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