पाम संडे पर रूस का हमला, सुमी में 30 नागरिकों की मौत..

पाम संडे पर रूस का हमला, सुमी में 30 नागरिकों की मौत..

सुमी, । यूक्रेन का उत्तर-पूर्वी शहर सुमी में पाम संडे के मौके पर जहां लोग शांति और श्रद्धा के साथ चर्च में जुटे थे, तभी वहां अचानक रूसी मिसाइल हमला तबाही लेकर आया। रविवार को हुए इस हमले में कई लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा हैं। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस हमले में कम से कम 30 लोगों की जान चली गई और 50 से अधिक लोग घायल हो गए। चर्च और अन्य धार्मिक स्थलों पर बड़ी संख्या में लोग एकत्रित थे, जब रूस ने बैलिस्टिक मिसाइल से शहर के मध्य इलाके को निशाना बनाया।

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की ने इस हमले पर गुस्से से भरा बयान देते हुए कहा कि पाम संडे जैसे पवित्र दिन पर आम नागरिकों को निशाना बनाना अमानवीयता की पराकाष्ठा है। उन्होंने कहा, “केवल हैवान ही ऐसे दिन मासूमों पर मिसाइल दाग सकते हैं।” इस भयावह हमले के बाद शहर में चारों तरफ अफरा-तफरी का माहौल बन गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, मिसाइल गिरने के बाद हर ओर खून, चीख-पुकार और बर्बादी का मंजर था। कई इमारतें ध्वस्त हो गईं और सड़कें खून से लाल हो गईं।

स्थानीय राहतकर्मियों ने बताया कि उन्होंने मलबे से बच्चों को बाहर निकाला, जिनमें से कुछ जीवित थे और कुछ दम तोड़ चुके थे। राहतकर्मी ने इस मंजर को एक नरसंहार करार दिया। राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने इस घटना को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय से तुरंत और सख्त कदम उठाने की मांग की। उन्होंने खास तौर पर अमेरिका और यूरोपीय देशों से अपील की कि यूक्रेन को एयर डिफेंस सिस्टम की सख्त जरूरत है।

यूक्रेनी वायुसेना ने कुछ मिसाइलों को हवा में ही नष्ट कर दिया था, लेकिन जो मिसाइलें बच गईं, उन्होंने भारी तबाही मचाई। यूक्रेनी अधिकारियों ने इस हमले को युद्ध अपराध बताया है। उनका कहना है कि जब किसी धार्मिक अवसर पर जानबूझकर आम नागरिकों को निशाना बनाया जाए, तो वह केवल सैन्य रणनीति नहीं रह जाती, बल्कि यह बर्बरता और क्रूरता का प्रतीक बन जाती है। युद्ध के इस क्रूर अध्याय ने एक बार फिर दुनिया के सामने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि ऐसे अमानवीय कृत्यों पर चुप्पी कब तक रहेगी।

दीदार ए हिन्द की रीपोर्ट

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