तिलोत्तमा शोम स्टारर ‘बक्शो बॉन्डी – शैडोबॉक्स’ इंडियन फिल्म फेस्टिवल ऑफ मेलबर्न के उद्घाटन के लिये चुनी गयी…

तिलोत्तमा शोम स्टारर ‘बक्शो बॉन्डी – शैडोबॉक्स’ इंडियन फिल्म फेस्टिवल ऑफ मेलबर्न के उद्घाटन के लिये चुनी गयी…

मुंबई, तिलोत्तमा शोम और जिम सर्भ निर्मित बंगाली फिल्म ‘बक्शो बॉन्डी – शैडोबॉक्स’ इंडियन फिल्म फेस्टिवल ऑफ मेलबर्न (आईएफएफएम) 2025 के उद्घाटन के लिए चुनी गई है।
तनुश्री दास और सौम्यानंद साहा के निर्देशन में बनी इस फिल्म में तिलोत्तमा शोम ‘माया’ का किरदार निभा रही हैं। यह फिल्म कोलकाता के एक धूल भरे उपनगर की पृष्ठभूमि पर आधारित है, जिसमें एक कामकाजी महिला के जीवन, उसके प्रेम, उसकी हिम्मत और उसकी चुपचाप लड़ने की ताकत की कहानी को खूबसूरती से दिखाया गया है।फेस्टिवल की ओपनिंग नाइट 14 अगस्त को मेलबर्न में होगी, जिससे भारत की गहराई और इंसानी कहानियों के उत्सव की शुरुआत होगी।
तिलोत्तमा शोम ने कहा, बक्शो बॉन्डी मेरे दिल के बेहद करीब है। माया का किरदार निभाते हुए मैंने खामोशियों को सुनना सीखा, छोटी-छोटी बातों में ताकत ढूंढना सीखा, और यह समझा कि कैसे एक दुनिया में जहां महिलाओं को अक्सर अनदेखा किया जाता है, वहां चुपचाप लड़ने की हिम्मत उनके जीवन को आकार देती है। बर्लिन के बाद माया की कहानी को मेलबर्न लाना मेरे लिए खास है, क्योंकि मितु (आईएफएफएमकी डायरेक्टर) से जो ताकत और समावेशिता की भावना मिलती है, वह अद्भुत है। यह फिल्म कामकाजी महिलाओं, बैरकपुर की धूल भरी दोपहरों, और उस साहस को समर्पित है जो तब भी कायम रहता है जब कोई देख नहीं रहा होता।”
मेलबर्न इंडियन फिल्म फेस्टिवल की डायरेक्टर मितु भौमिक लांगे,ने कहा, “हमारे लिए आईएफएफएम 2025 की शुरुआत ‘बक्शो बॉन्डी शैडोबॉक्स’ जैसी फिल्म से करना सम्मान की बात है। यह फिल्म भारतीय स्वतंत्र सिनेमा की ताकत को दर्शाने के साथ ऐसी कहानियों को छूती है जो व्यक्तिगत भी हैं और ग्लोबल लेवल पर जुड़ती भी हैं। माया के रूप में तिलोत्तमा का अभिनय बेमिसाल है और तनुश्री और सौम्यानंद ने बेहद ईमानदारी और खूबसूरती से एक ऐसी फिल्म बनाई है, जो उम्मीद और जिजीविषा की भावना को दिखाती है। आइएफएफएम में हम ऐसी कहानियां दिखाने पर गर्व महसूस करते हैं और हमें खुशी है कि ऑस्ट्रेलियाई दर्शक इस खूबसूरत फिल्म को ओपनिंग नाइट पर देखेंगे।”

दीदारे ए हिन्द की रीपोर्ट

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