आवेदक के बजाए दूसरी कंपनी को जमीन दी..

आवेदक के बजाए दूसरी कंपनी को जमीन दी..

ग्रेटर नोएडा, 04 अक्टूबर । सीएजी ऑडिट में जमीन आवंटन को लेकर यमुना प्राधिकरण को कठघरे में खड़ा किया गया है। वर्ष 2012 में आवेदन करने वाली कंपनी के बजाय दूसरी कंपनी को चार लाख वर्ग मीटर जमीन आवंटित कर दी। यही नहीं, बिना विकास कार्य किए रजिस्ट्री करने वाली कंपनी ने पांच सबलीज कर दी। सबलीज करते समय यमुना प्राधिकरण के तत्कालीन अफसरों ने उच्च अधिकारियों की अनुमति तक नहीं ली। इस मामले में प्राधिकरण को करीब 30 करोड़ रुपये का केवल लीज रेंट की मद में नुकसान हुआ है।

यमुना प्राधिकरण का सीएजी ने ऑडिट किया है। यह ऑडिट रिपोर्ट इसी सत्र के दौरान विधानसभा के पटल में रखी गई है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि वर्ष 2012 में रवि डेवलपर और पीआरजी ग्रुप ने जमीन आवंटन के लिए आवेदन किया। इसमें कंर्सोसिएम पीआरजी ग्रुप को चार लाख वर्ग मीटर जमीन आवंटित की गई, लेकिन जमीन की रजिस्ट्री एससी इंफ्रासिटी को की गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि आवेदन करने वाले को ही रजिस्ट्री होनी चाहिए थी। इसमें समय पर पैसा नहीं जमा किया गया। इससे प्राधिकरण को नुकसान हुआ।

सीएजी रिपोर्ट में बताया गया है कि यहां पर बिना विकास कार्य किए ही पांच सब लीज कर दी गई, जबकि पहले विकास कार्य करना होता है। कंपनी ने रियल वेंचर्स को 11610 वर्ग मीटर, स्वीकृति इंफ्राकॉम को 25010 वर्ग मीटर, लोटस को 10332 वर्ग मीटर, त्रिवेली को 11662 वर्ग मीटर और कास्मिक को 10262 वर्ग मीटर जमीन सबलीज कर दी गई। यह भी नियमों के विरुद्ध किया गया। उस समय तत्कालीन प्रबंधक ने बिना उच्च अधिकारियों की अनुमित के ही यह सबलीज की थी। इसमें प्राधिकरण को अकेले लीज रेंट की मद में 29.33 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। अब विधानसभा की समिति कार्रवाई की सिफारिश करेगी। इसमें तत्कालीन अफसरों पर कार्रवाई हो सकती है।

दीदार ए हिन्द की रिपोर्ट

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