‘अप्रवासियों को हिरासत केंद्रों में जानवरों की तरह खिलाया जा रहा खाना’, अमेरिकी मीडिया की रिपोर्ट में दावा…

‘अप्रवासियों को हिरासत केंद्रों में जानवरों की तरह खिलाया जा रहा खाना’, अमेरिकी मीडिया की रिपोर्ट में दावा…

वॉशिंगटन, 23 जुलाई । अमेरिका में हिरासत केंद्रों में बंद अवैध अप्रवासियों को अमानवीय हालात में रहना पड़ रहा है। अमेरिकी मीडिया की एक रिपोर्ट में ये दावा किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, हिरासत केंद्रों में अप्रवासियों के हाथ कमर के पीछे बांधकर प्लेटों में खाना दिया जा रहा है, जिसे अप्रवासियों को जानवरों की तरह खाना पड़ रहा है। सोमवार को प्रकाशित हुई रिपोर्ट में फ्लोरिडा के तीन हिरासत केंद्रों की जानकारी दी है, जहां अवैध अप्रवासियों को अमानवीय हालात में रखा गया है।

महिलाएं खुले में शौच करने को मजबूर
मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि कई लोगों को लंबे समय से भीड़ वाले हिरासत केंद्रों में रखा जा रहा है और लोगों को शाम 7 बजे तक दोपहर का खाना दिया जा रहा है। साथ ही हाथ बांधकर ही लोगों को खाना खाने की इजाजत दी जा रही है। हिरासत में बंद एक अवैध अप्रवासी ने बताया कि ‘हमें जानवरों की तरह खाना खाना पड़ रहा है।’ रिपोर्ट् के अनुसार, हिरासत केंद्रों के सुरक्षाकर्मी भी अप्रवासियों से खराब व्यवहार कर रहे हैं। यहां तक कि महिलाओं को खुले में सार्वजनिक तौर पर शौच के लिए जाना पड़ रहा है। महिलाओं और पुरुषों को अलग-अलग नहाने जैसे आधारभूत सुविधाएं भी नहीं दी जा रही हैं।

फर्श पर सोने को मजबूर लोग
हिरासत केंद्रों में भारी भीड़ होने के चलते कई अवैध अप्रवासियों को 24 घंटे तक पार्किंग में खड़ी बस में रहना पड़ा और सिर्फ शौच के लिए जाने के लिए ही उनके हाथ खोले जा रहे हैं। कई लोग कई दिनों से हिरासत केंद्रों में बंद हैं और उन्हें सोने के लिए बिस्तर और गर्म कपड़े भी नहीं मिल रहे हैं। लोगों को फर्श पर सोना पड़ रहा है। कुछ हिरासत केंद्रों में तो इतने अप्रवासी बंद हैं कि वहां बैठने की भी जगह नहीं बची है और लोगों को खड़े रहना पड़ रहा है। कई मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने इस पर गहरी चिंता जाहिर की।

गौरतलब है कि अमेरिका में ट्रंप प्रशासन ने अवैध अप्रवासियों के खिलाफ अभियान छेड़ा हुआ है। इसके तहत अवैध अप्रवासियों को निर्वासित किया जा रहा है। अवैध अप्रवासियों को हिरासत में लेकर उन्हें हिरासत केंद्र में रखा जा रहा है। इसे लेकर ट्रंप प्रशासन की खूब आलोचना हो रही है।

दीदार ए हिन्द की रीपोर्ट

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