हैवानियतः दरिदों को फांसी की सजा से रुकेगें दुष्कर्म?

हैवानियतः दरिदों को फांसी की सजा से रुकेगें दुष्कर्म?

नव वर्ष 2022 में अपराध की तारीख बदली ,मगर तस्वीर नहीं बदली,एक बार फिर वहशी दरिदों द्वारा राजस्थान के अलवर में एक मूक बधिर सोलह साल की किशोरी से सामूहिक दुष्कर्म से कायनात कांप उठी है।बर्बरता की इस घटना ने राजस्थान की धरती को कंलकित किया है।दुष्कर्म के बाद वहशी दरिदों ने उसे अलवर के तिजारा फाटक के पास फैंेक दिया। दुष्कर्म की वारदात से हर भारतीय उद्वेलित है। राष्टरीय अपराध व्यूरों के मुताबिक देश में लगातार दो सालों से दुष्कर्म के सबसे अधिक मामले राजस्थान में दर्ज किए गए हैं।दुष्कर्म की इस वारदात ने निर्भया सामूहकि दुष्कर्म के रिसते जख्मों को कुरेद दिया है। निर्भया के दरिदों को तो उनके कर्मांे की सजा मिल चुकी है। यह रौंगटे खड़े कर देने वाली घटना बहुत ही दुखद है।हर रोज अस्मत लूटी जा रही है।दरिदों द्वारा हर राज्य में दरिदगी का सामाज्य बना रहे है।दरिदों की अराजकता बढ़ती ही जा रही है।जंगलराज स्थिितियां बन रही है।कानून को धता बताकर दरिदें दरिदगी का तांडव कर रहे है। दरिदों को सरेआम मौत के घाट उतारना होगा ताकि आने वाले समय में दरिदे कई बार सोचेगें की उनकी करतूतो का क्या अंजाम होगा। आखिर कब तक बेटियां दरिदों की दरिदंगी का शिकार होती रहेगी। ऐसी बारदातें बहुत ही चिंतनीय हैं।,एक बार फिर वहशी दरिदों ने हैदराबाद में एक डाक्टर से सामूहिक दुष्कर्म किया और उसकी लाश को जला दिया।खौफनाक वारदात से हर भारतीय सदमें है।देश में बेटियां हर जगह असुरक्षित

महसूस कर रही हैं। कभी निर्भया गैगरेप तो कभी हिमाचल का गुड़िया कांड तो कभी कुठुआ में दुष्कर्म ,उन्नान व रेवाडी कांड हो चुके है।2019 में हैदराबाद में एक डाक्टर से सामूहिक दुष्कर्म किया था और उसकी लाश को जला दिया था। आखिर यह दुष्कर्म कब रुकेंगें।यह यक्ष प्रशन बनता जा रहा है।फांसी के जितने भी मामले लंबित हैं त्वरित कारवाई करके दरिदों का सर्वनाश करना चाहिए। कानूनों को धत्ता बताकर बीमार मानसिकता के बेखौफ हवसी दरिदें अराजकता फैला रहे है कानून का कोई डर नहीं है।जंगलराज जैसे हालात पैदा हो रहे है।बेटियां खौफजदा है। दरिदों की दरिदगी की वारदातें कब रुकेगी, बेटियों की सुरक्षा के दावे कहां है।यह एक यक्ष प्रशन है यह सुलगते प्रशन है कि बेटियां कब सुरक्षित होगी।जघन्य व दिल दहला देने वाली दुष्कर्म की घटनाओं से जनमानस खौफजदा है।16 दिसंबर 2012 से दिसंबर 2021 तक दुष्कर्मों का सिलसिला जारी रहा ऐसा कोई दिन न बीता होगा जिस दिन दरिदों ने किसी की इज्जत की नीलामी न लगाई होगी पूरे 365 दिन बैखौफ

दरिदों के कारनामें बदस्तूर जारी रहे। आंकड़ों के अनुसार 12 सितंबर 2018 को हरियाणा के रेवाड़ी में एक 19 साल की मेधावी छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म कर दिया था।27 जून 2018 को मध्यप्रदेश के मंदसौर में एक सात साल की नाबालिग स्कली बच्ची से सामूहिक दुष्कर्म की जघन्य घटना से हर भारतीय उद्वेलित हुआ था।यह बच्ची तीसरी में पढ़ती थी। मासूम से हुई दरिदगी व हैवानियत की यह घटना बहुत ही दिल दहलाने वाली थी। दरिदों ने जिस बर्बरता व हैवानियित से घटना को अंजाम दिया था उससे रौगटे खडे हो जाते है। दरिदों ने दरिदंगी की हदे पार कर दी थी। अब समय आ गया है कि दरिदों को फांसी की सजा से ही इन मामलों पर विराम लग सकता है।वर्ष 2021 के जनवरी माह से देश के हर राज्य में इन मामलों में बेतहासा वृद्धि दर्ज की गई थी।साल के 12 माह में यह दुष्कर्म रुकने का नाम नहीं ले रहे थें।सरकार को इन मामलों पर त्वरित कारवाई करनी होगी।हर रोज दरिदें दरिदगी का तमाशा कर रहे है।देश में दुष्कर्म के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे है।

इससे पहले कठुआ में भी एक बच्ची के साथ दरिदगी का मामला प्रकाश में आया था। प्रतिदिन इन अपराधों में इजॉफा होता जा रहा है।देश में दरिदगी की वारदातेें कब रुकेगीं।गत वर्ष हिमाचल में भी गुडिया कांड हुआ था।इससे पहले देश की राजधानी दिल्ली में दिल दहला देने वाला कृत्य हुआ था जब द्वारका नार्थ इलाके में देर रात टैक्सी से घर लौट रही एक महिला से उबर जैसे रेप का मामला घटित हो गया था।यह बहुत ही

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घिनौना कृत्य है कि ऐसे प्रकरण थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। देश में लड़कियां कितनी महफूज है इन घटनाओं से अंदाजा लगाया जा सकता है। 16 दिसंबर 2012 दिल्ली गैगरेप के बाद न तो हालात बदले और न ही बलात्कार रुके निरंतर इन घटनाओं में इजाफा होता गया ज्यों-ज्यों दवा की मर्ज बढ़ता गया इसे पुलिस व्यवस्था की लापरवाही करार देना ठीक होगा क्योकि इन 9 सालों में हजारों बलात्कार की घटनाएं घटित हुई हैं 16 दिसंबर 2012 की घटना के बाद तो इतने दुष्कर्म हुए हैं कि थमने का नाम नहीं ले रहे हैं।देश के प्रत्येक राज्य में इन केसों में निरंतर

बढोतरी हो रही है यदि इन दरिदों को फांसी हो जाती है तो इन मामलों पर रोक लग सकती है क्योकि ऐसे दरिदें लोगो को एक सबक मिल जायेगा कि गलत काम करने का अंजाम क्या होता है। भेडियों व दरिदों की मानसिकता न बदली है और न बदलेगी इन दरिदों को फांसी ही आखिरी विकल्प है। मुम्बई में एक महिला फोटोग्राफर से गैंगरेप ने भी हर भारतीय को हिला दिया था। निर्भया के बाद दिल्ली में गुडिया के साथ भी रौंगटे खडे कर देने वाला कुकृत्य हुआ था उसमें भी मनोज नामक आरोपी ने हैवानियत की हदें पार की थी ।बलात्कार की घिनौनी वारदातों के कारण विश्व गुरु की इतनी फजीहत हो रही है कि दुनिया में बदनामी हो गई हैं। कुछ बीमार व नीच मानसिकता के लोगो ने भारत की छवि को दागदार किया है जनमानस को अब संकल्प लेना होगा तथा एकजुट होकर ऐसे लोगों का खात्मा करना होगा जो देश के लिए कंलक हैं। ताकि आने वाले समय में ऐसे अमानवीय कृत्यो पर लगाम लग सके ।यदि अब भी कानूनों में सख्ती न बरती तो ऐसे दरिदें फिर से इन घिनौनी वारदातों को अंजाम देते रहेगें ।इसलिए अब ऐसे लोगों को समाज से बहिष्कृत करना चाहिए। केन्द्र सरकार को चाहिए कि देश के सार्वजनिक

स्थलों पर हर समय सुरक्षा व्यवस्था कायम की जाए। सादी वर्दी में महिला पुलिस तैनात करनी चाहिए। सरकार को बिना समय गंवाए इन दरिदों का खात्मा करना चाहिए। ऐसे दरिदें देश के लिए घातक हैऐसे दरिदें न जाने कैसे वातावरण में रहते होगें ।ऐसे लोगो को समाज की कोई फिक्र नहीं होती कि उनके कृत्यों से पूरा समाज द्रवित होता है । समाज में ऐसे लोग बहुत ही घातक सिद्व हो रहे है । ऐसी घटनाओं पर रोक के लिए सामूहिक रूप से प्रयास करने होगे ।ऐसे दुष्कर्म सामाजिक मूल्यों का पतन दर्शातें है कि समाज में विकृत मानसिकता के लोगों का बोलबाला होता जा रहा है ।इन मामलों से इन्सानियत तार-तार हो रही है ।समाज को ऐसे अपराधिक प्रवृति के लोगों की पहचान करनी होगी । यदि अब भी समाज के लोगों ने इन दरिदों को सबक नहीं सिखाया तो फिर से कोई और लड़की दरिदों की दरिदगी का शिकार होगी । अब समाज को जागना होगा ,दरिदों का खात्मा करना होगा ।कानून के रखवालो को भी समाज में घटित इन हादसों पर गहराई से चितंन करना चाहिए ताकि

भविष्य में ऐसे प्रकरणों पर विराम लग सके । ऐसे लोगो को समाज से बहिष्कृत करना चाहिए। अगर यह प्रवृति बढ गई तो हालात बेकाबू हो जाएगें। पुलिस को भी अपने कर्तव्य का निर्वाह करना होगा ताकि पुलिस की छवि बरकरार रहे और समाज में ऐसे हादसे रूक सके । इन बलातकारियों को सजा ए मौत से ही दुष्कर्मो पर लगाम लग सकती है।तभी यह अपराध रुक सकते हैं। अगर सरकारों ने अब भी लापरवाही बरती तो हर रोज यह सिलसिला जारी रहेगा तथा चारों तरफ अराजकता फैलेगी ।केन्द्र सरकार को भी इन हादसों पर बिना समय गंवाए इन दुष्कर्मो को रोकने के लिए कारगर कदम उठाने चाहिए ताकि देश में ऐसी वारदातों की पुनरावृति न हो सके । इनका नामोनिशन मिटाना होगा। तभी बहु-बेटियों बेखौफ होकर घूम सकती है ।वक्त अभी संभलने का है अगर अब भी दुष्कर्म के इन मामलों को अनदेखा किया तो ऐसे दरिदें हर गली व चौराहे पर दरिदगी को अंजाम देते रहेगें।ऐसे दरिदों को सरेआम फांसी देनी चाहिए।

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