यूपी चुनाव: कांग्रेस ने आशा सिंह के अभियान के लिए टीम भेजी

यूपी चुनाव: कांग्रेस ने आशा सिंह के अभियान के लिए टीम भेजी

लखनऊ, 27 जनवरी। उन्नाव रेप पीड़िता की मां आशा सिंह को उनके प्रचार अभियान में मदद के लिए कांग्रेस नेताओं का एक दल उन्नाव भेजा गया है। आशा सिंह उन्नाव विधानसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार हैं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक आशा सिंह की मदद करने वाली टीम मध्य प्रदेश की है।

पार्टी के एक प्रवक्ता ने कहा कि यूपीसीसी ने उन्नाव में एक नया पार्टी संगठन ढांचा स्थापित किया है और महेंद्र सिंह (भोपाल) और सोनिया शुक्ला (इंदौर) की विशेष टीम आशा सिंह के नामांकन पत्र दाखिल करने की तैयारी के लिए जिम्मेदार है और 2022 विधानसभा के लिए रणनीतिक प्रचार में उम्मीदवार की सहायता भी कर रही है।

सोनिया शुक्ला ने कहा कि फिलहाल, नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए आवश्यक अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी), आदि सहित सभी दस्तावेजों के संग्रह का काम प्रगति पर है। उन्नाव निर्वाचन क्षेत्र में 27 जनवरी से नामांकन पत्र दाखिल करना शुरू हो जाएगा। हम जल्द ही उनके नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि तय करेंगे।

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शुक्ला ने दावा किया कि हालांकि अब कुछ हद तक स्थिति में सुधार हुआ है, लेकिन जब वह उन्नाव पहुंचीं तो पहले कुछ डर का माहौल बना हुआ था। उन्होंने कहा कि जब मैं यहां (उन्नाव) आई तो डर की भावना थी। मुझे धमकियों का सामना करना पड़ा क्योंकि लोगों ने मुझे वापस जाने के लिए कहा। लगभग दो से तीन लोग एक बैठक में आए और कहा कि निर्वाचन क्षेत्र में प्रचार के लिए बुलेट प्रूफ जैकेट की आवश्यकता होगी। चीजें अब बेहतर हो रही हैं।

उन्नाव जिला कांग्रेस कमेटी (डीसीसी) के कार्यवाहक अध्यक्ष यूसुफ फारूक खुर्रम ने कहा कि उन्नाव की कांग्रेस की टीम चुनाव प्रचार के लिए तैयार हो रही है। उन्होंने कहा कि डीसीसी अध्यक्ष आरती बाजपेयी भी 2022 का विधानसभा चुनाव लड़ रही हैं और इसलिए उन्हें कार्यवाहक पार्टी प्रमुख का प्रभार दिया गया है। सूत्रों ने कहा कि प्रियंका गांधी वाड्रा आशा सिंह के अभियान में गहरी व्यक्तिगत दिलचस्पी ले रही है।

गौरतलब है कि आशा सिंह उस 17 वर्षीय बच्ची की मां हैं, जिसके साथ 4 जून 2017 को उन्नाव में सामूहिक दुष्कर्म किया गया था। बीजेपी के पूर्व सदस्य कुलदीप सिंह सेंगर को 2019 में रेप के आरोप में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। आशा सिंह के पति को भी कथित तौर पर सेंगर के भाई ने बेरहमी से पीटा था, जिसके बाद उनकी मौत हो गई थी। 13 जनवरी को घोषित 125 उम्मीदवारों की कांग्रेस की पहली सूची में आशा सिंह का नाम शामिल था।

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