बालीनाथ महाराज के नाम पर 5 लाख का पुरस्कार : शिवराज
मप्र में बालीनाथ महाराज के नाम पर 5 लाख का पुरस्कार : शिवराज
इंदौर, 26 दिसंबर। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा बैरवा समाज के आराध्य संत बालीनाथ महाराज के नाम पर पांच लाख रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा। साथ ही उनकी जन्म स्थली और निर्वाण स्थली राजस्थान के दौसा के मंडावरी गांव को मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन यात्रा योजना से जोड़ा जाएगा।
इंदौर में बालीनाथ महाराज की प्रतिमा का अनावरण करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, बैरवा समाज के आराध्य संत बालीनाथ जी महाराज का समाज सुधार, शिक्षा के प्रसार और कुरीतियों को दूर करने में अहम योगदान रहा है। संत महाराज के नाम पर राज्य शासन द्वारा पांच लाख रुपए का यह पुरस्कार स्थापित किया जायेगा। यह पुरस्कार शिक्षा के प्रसार, महिलाओं के उत्पीड़न को रोकने तथा कुरीतियों को दूर करने के क्षेत्र में कार्य करने वाले व्यक्तियों और संस्था को दिया जाएगा। साथ ही संत की जन्म तथा निर्वाण स्थली राजस्थान के दौसा जिले के ग्राम मंडावरी को मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन यात्रा योजना से जोड़ा जाएगा।
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मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि बैरवा समाज के बंधुओं ने अथक परिश्रम की कमाई में से आर्थिक सहयोग देकर प्रतिमा निर्माण में मदद की है। यह प्रतिमा हमें हमेशा नेक कार्यों की प्रेरणा देती रहेगी।
उन्होंने कहा, संत बालीनाथ महाराज अद्भुत संत थे। बचपन से ही उनकी धर्म और आध्यात्म के प्रति रूचि थी। वे भगवान शंकर के उपासक थे। बचपन में ही उन्होंने गुरु दीक्षा ग्रहण की। नाथ संप्रदाय से उनका जुड़ाव रहा है। उन्होंने जीवन भर भ्रमण कर संकीर्णता तथा कुरीतियों को दूर करने और शिक्षा के प्रसार का कार्य किया है। उन्होंने महिला उत्पीड़न की रोकथाम की दिशा में भी कार्य किया। उनके कार्यो से पूरा प्रदेश और देश गौरवान्वित है। उनकी प्रतिमा हमें धर्म और आध्यात्म के साथ सही रास्ते पर चलने की प्रेरणा देती रहेगी।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि बैरवा समाज के स्कूल संचालन में मदद दी जायेगी। उन्होंने लायब्रेरी स्थापना के लिये नगर निगम इंदौर को कार्य-योजना बनाने के निर्देश दिये। विधायक महेन्द्र हार्डिया ने कहा, प्रतिमा के निर्माण से बैरवा समाज की वर्षों पुरानी मांग पूरी हुई है। इंदौर एकमात्र ऐसा शहर है, जहां पर संत बालीनाथ जी महाराज की प्रतिमा और उनके नाम पर भव्य द्वार भी है। प्रारंभ में प्रतिमा निर्माण समिति के गंगाधर जारवाल ने स्वागत भाषण दिया।
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