पुराने आईटी हार्डवेयर सामानों को एसईजेड से डीटीए में स्थानांतरित करने के लिए पाबंदियों में ढील.
पुराने आईटी हार्डवेयर सामानों को एसईजेड से डीटीए में स्थानांतरित करने के लिए पाबंदियों में ढील.
नई दिल्ली, 02 जनवरी । सरकार ने विशेष आर्थिक क्षेत्रों (एसईजेड) में किसी कंपनी द्वारा लैपटॉप और डेस्कटॉप जैसे पुराने आईटी हार्डवेयर सामानों को घरेलू शुल्क क्षेत्रों स्थानांतरित करने से जुड़ी पाबंदियों में ढील दी है।
सीमा शुल्क कानूनों के लिए एसईजेड को विदेशी क्षेत्र माना जाता है और इन क्षेत्रों से घरेलू शुल्क क्षेत्र (डीटीए) या घरेलू बाजार में सामान लाना आयात के समान है।
आमतौर पर डीटीए की एक कंपनी को एसईजेड से इन सामानों के आयात के लिए लाइसेंस की आवश्यकता होती है।
इन पाबंदियों में ढील देते हुए विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने एक अधिसूचना में कहा कि पुराने आईटी हार्डवेयर सामानों (लैपटॉप, डेस्कटॉप, मॉनिटर, प्रिंटर) को किसी कंपनी द्वारा अतिरिक्त इस्तेमाल के लिए लाइसेंस के बिना एसईजेड से डीटीए में स्थानांतरित किया जा सकता है, लेकिन ”केवल” डीटीए संचालन में इसका इस्तेमाल किया जाए। साथ ही इन उपकरणों का उपयोग एसईजेड इकाइयों में दो साल तक किया गया हो और यह विनिर्माण की तारीख से पांच साल से अधिक पुरानी न हो।
डीजीएफटी के अनुसार, ‘‘एसईजेड से डीटीए तक प्रयुक्त आईटी परिसंपत्तियों (लैपटॉप, डेस्कटॉप, मॉनिटर, प्रिंटर) की आयात नीति अधिसूचित की गई है।”
सरकार ने पिछले साल अक्टूबर में लैपटॉप और पर्सनल कंप्यूटर के आयात पर लगी पाबंदियों में बदलाव किया था। इसके बाद आयातक मात्रा और मूल्य का विवरण देने पर ‘मंजूरी’ लेकर विदेशों से आईटी हार्डवेयर का आयात कर सकते हैं।
नई ‘आयात प्रबंधन प्रणाली’ का मकसद बाजार की आपूर्ति को प्रभावित किए बगैर या बोझिल लाइसेंसिंग व्यवस्था बनाए बिना देश में लैपटॉप, टैबलेट और कंप्यूटर के आयात पर नजर रखना है।
दीदार ए हिन्द की रीपोर्ट