ओटावा में कनिष्क बम विस्फोट के पीड़ितों की स्मृति में आयोजित समारोह में एकत्रित हुए लोग..

ओटावा में कनिष्क बम विस्फोट के पीड़ितों की स्मृति में आयोजित समारोह में एकत्रित हुए लोग..

नई दिल्ली/ओटावा, 24 जून कनाडा में भारतीय उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा ने ओटावा में कनिष्क आतंकवादी बम विस्फोट की 39वीं वर्षगांठ पर पीड़ितों के परिवार के सदस्यों और उनके दोस्तों के साथ हमले में मारे गए लोगों को रद्धांजलि दी।
भारतीय उच्चायोग ने एक्स पर एक पोस्ट में ओटावा के डॉव झील के कमिश्नर पार्क में एयर इंडिया फ्लाइट 182 स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की तस्वीरें शेयर की है। सभा को संबोधित करते हुए श्री वर्मा ने कहा, “दुनिया की किसी भी सरकार को राजनीतिक लाभ के लिए अपने क्षेत्रों से उत्पन्न आतंकवाद के खतरे को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। मानव जीवन क्षणभंगुर राजनीतिक हितों से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है। सभी आतंकवादी गतिविधियों का अनुकरणीय कानूनी और सामाजिक कार्रवाई के साथ सामना किया जाना चाहिए। इससे पहले कि वे व्यापक मानवता को नुकसान पहुंचाना शुरू करें। सरकारों, सुरक्षा एजेंसियों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों को आतंकवादी नेटवर्क को खत्म करने, उनके वित्तपोषण को बाधित करने और उनकी विकृत विचारधाराओं का मुकाबला करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए।”
“पीड़ितों के परिवार के सदस्य और मित्र, सहायक आरसीएमपी आयुक्त सहित कनाडा सरकार के अधिकारी, आयरलैंड के राजदूत और इंडो-कैनेडियन समुदाय के 150 से अधिक सदस्य इस पवित्र अवसर पर उपस्थित थे।
उन्होंने कहा, “भारत पीड़ितों के प्रियजनों के दुख और दर्द को साझा करता है। भारत आतंकवाद के खतरे का मुकाबला करने में सबसे आगे है और इस वैश्विक खतरे से निपटने के लिए सभी देशों के साथ मिलकर काम करता है।”
उल्लेखनीय है कि 23 जून 1985 को कनिष्क बम विस्फोट में मॉन्ट्रियल से नई दिल्ली जाने वाली एयर इंडिया की ‘कनिष्क’ फ्लाइट 182 में लंदन के हीथ्रो हवाई अड्डे पर निर्धारित लैंडिंग से 45 मिनट पहले विस्फोट हुआ था, जिसके कारण विमान में सवार सभी 329 लोगों की मौत हो गई, जिनमें से अधिकांश भारतीय मूल के कनाडा के नागरिक थे।
अटलांटिक महासागर के ऊपर 31,000 फीट की ऊंचाई पर हुआ यह विस्फोट सिख अलगाववादियों द्वारा पंजाब में स्वर्ण मंदिर पर भारतीय सेना के 1984 के हमले का बदला लेने के लिए किया गया था।

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