ईरान लगातार कर रहा हमले, इजराइल चाहता है अमेरिका जंग में कूदे..
ईरान लगातार कर रहा हमले, इजराइल चाहता है अमेरिका जंग में कूदे..
-ट्रंप की नीतियां और बयानबाजी ने स्थिति को और उलझा दिया

तेल अवीव, 22 जून। इजराइल ने भले ही ईरान पर हमले की पहल की हो लेकिन एक बार ईरान के सर्वोच्च नेता खामेनेई की सेना ने जब जवाबी हमला करना किया तो तेल अवीव पूरी तरह दहल गया। इजराइल के लोगों को अपनी जान बचाने भागना पड़ा। इसी बीच शुक्रवार को यह खबर सामने आई कि इजराइल की सेना ने भर्ती की प्रक्रिया रोक दी है। इस घटना के अपने कई मायने हो सकते हैं। एक तरफ इजराइल चाहता है कि अमेरिका जल्द से जल्द इस जंग में कूद जाए लेकिन ट्रंप बार-बार उन्हें गच्चा दे रहे हैं।
ट्रंप की नीतियां और बयानबाजी ने स्थिति को और उलझा दिया है। एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि ट्रंप ने ईरान पर हमले की योजना को मंजूरी दी थी, लेकिन अंतिम फैसला को टाल दिया ताकि ईरान अपना परमाणु कार्यक्रम छोड़ दे। इस पर ट्रंप ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए ट्रुथ पर लिखा- वॉल स्ट्रीट जर्नल को मेरे दिमाग में क्या चल रहा है, इसकी जानकारी नहीं है! उन्होंने कहा कि मैंने अभी तक कोई फैसला नहीं किया है, देखते हैं क्या होता है।
ट्रंप का यह असमंजस यह दर्शाता है कि ट्रंप इजराइल का समर्थन करने के बावजूद युद्ध में कूदने से हिचकिचा रहा है। वह शायद कूटनीतिक समाधान की उम्मीद कर रहे हैं। इसी बीच इजराइली सेना ने सुरक्षा हालात को देखते हुए अगले हफ्ते होने वाली सैन्य पदों की भर्ती प्रक्रिया रोक दी है। यह कदम ईरान के लगातार हमलों और संभावित जवाबी कार्रवाई की आशंका को ध्यान में रखकर उठाया गया है जो इजराइल की रक्षा तैयारियों को प्रभावित कर सकता है।
कुछ रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि इजराइल के एयर डिफेंस सिस्टम के हथियार खत्म हो रहे हैं। ऐसे में ट्रंप की हां-ना ने नेतन्याहू को टेंशन दे दी है। ट्रंप का अस्पष्ट रुख और इजराइल की रक्षा रणनीति में बदलाव इस बात का संकेत है कि क्षेत्रीय संघर्ष तेजी से बढ़ रहा है। जहां ट्रंप इजराइल को समर्थन देने की बात कहते हैं, वहीं वे युद्ध में सीधे हस्तक्षेप से बच रहे हैं। यह ईरान के लिए एक राहत और इजराइल के लिए चिंता का विषय हो सकता है।
दीदार ए हिन्द की रीपोर्ट