इलेक्ट्रिक कार विनिर्माण प्रोत्साहन योजना के लिए आनलाइन आवेदन सुविधा शुरू…
इलेक्ट्रिक कार विनिर्माण प्रोत्साहन योजना के लिए आनलाइन आवेदन सुविधा शुरू…

नई दिल्ली, भारी उद्योग मंत्रालय (एमएचआई) ने देश में इलेक्ट्रिक यात्री कारों के कल-कारखानों को बढ़ावा देने की योजना (एसपीएमईपीसीआई) के तहत आनलाइन आवेदन प्राप्त करने की व्यवस्था मंगलवार से शुरू कर दी और आवेदन 21 अक्टूबर शाम छह बजे तक प्रस्तुत किए जा सकते हैं।
भारी उद्योग मंत्री एचडी कुमारस्वामी ने इसके लिए पोर्टल प्रारंभ किए जाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि यह योजना के ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के स्तंभों को मजबूत करने वाली है, और इसका उद्येश्य भारत को अगली पीढ़ी के ऑटोमोटिव विनिर्माण और प्रौद्योगिकी नेतृत्व के लिए एक विश्वसनीय वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करना है। उन्होंने कहा , “ एसपीएमईपीसीआई योजना के तहत इस पोर्टल के लॉन्च से वैश्विक इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं के लिए भारत के तेजी से विकसित हो रहे ऑटोमोटिव परिदृश्य में निवेश करने के नए रास्ते खुलते हैं। यह योजना न केवल 2070 तक कार्बन उर्त्जन के स्तर में वृद्धि को निवल शून्य करने के लक्ष्य को हासिल करने की हमारी राष्ट्रीय प्रतिबद्धता के अनुकूल है, बल्कि यह एक स्वस्थ , नवाचार-संचालित अर्थव्यवस्था बनाने के हमारे संकल्प को भी मजबूत करती है। करने वाली है।”
उल्लेखनीय है कि सरकार ने पिछले साल 15 मार्च को इसकी अधिसूचना जारी की थी । योजना के विस्तृत दिशानिर्देश इसी माह दो तारीख को “अधिसूचना संख्या एस.ओ. 2450 (ई) दिनांक 02.06.2025” के माध्यम से जारी किए गए थे। इन्हें मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट पर देखा जा सकता है।
मंत्रालय की मंगलवार को जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस संदर्भ में, योजना के तहत पात्र आवेदकों से आवेदन आमंत्रित किए जाते हैं और आवेदक अपने आवेदन आनलाइन मॉड्यूल के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। आवेदन पोर्टल आज सुबह 10.30 बजे से चालू हो गया है।
इस योजना में वैश्विक निर्माताओं को योजना के तहत निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए आवेदन स्वीकृति तिथि से 5 वर्ष की अवधि के लिए 15 प्रतिशत की निम्नस्तरीय सीमा शुल्क की दर पर न्यूनतम 35,000 डॉलर के मूल्य के साथ पूरी तरह विनिर्मित वाहनों का आयात करने की अनुमति दी जा रही है।
योजना के प्रावधानों के आवेदक को इस योजना के लाभ की पात्रता के लिए भारत में न्यूनतम 4,150 करोड़ रुपये का निवेश करना आवश्यक होगा। उम्मीद है कि इस योजना के तहत कुछ चुनिंदा विदेशी इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माता भारत में अपने कारखाने लगाने के लिए आ सकते हैं।
दीदार ए हिन्द की रीपोर्ट