विजय दिवस पर शेख हसीना की चेतावनी: ‘1971’ में पराजित हुई ताकतों का फिर से हो रहा उभार…

विजय दिवस पर शेख हसीना की चेतावनी: ‘1971’ में पराजित हुई ताकतों का फिर से हो रहा उभार…

ढाका, 17 दिसंबर। बांग्लादेश के विजय दिवस के अवसर पर देश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने चिंता जताई है कि वर्ष 1971 के मुक्ति संग्राम में पराजित हुई ताकतें फिर से सक्रिय हो गई हैं। यह वही युद्ध था, जिसमें बांग्लादेश ने पाकिस्तान के खिलाफ आजादी हासिल की थी।

शेख हसीना ने याद दिलाया कि अवामी लीग के नेतृत्व में नौ महीने तक चले संघर्ष के बाद 16 दिसंबर 1971 को बांग्लादेश को बड़े बलिदानों के साथ जीत मिली थी और पाकिस्तानी सेना को आत्मसमर्पण करना पड़ा था।

पूर्व पीएम द्वारा जारी बयान को अवामी लीग के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट किया गया। बयान में कहा गया, “जीत के गौरव के साथ, आज दुख के साथ यह कहना पड़ रहा है कि 1971 की हारी हुई ताकतें एक बार फिर उठ खड़ी हुई हैं। भेदभाव विरोधी आंदोलन की आड़ में लोगों को धोखा दिया गया, योजनाबद्ध हिंसा फैलाई गई और अवैध तरीके से सत्ता पर कब्जा किया गया।”

शेख हसीना ने कहा कि वर्ष 2024 में हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान सबसे पहला हमला बंगबंधु के घर धनमंडी 32 पर हुआ। यही वह ऐतिहासिक स्थान है, जहां से बांग्लादेश की आज़ादी की घोषणा की गई थी। इसके बाद पूरे देश में मुक्ति संग्राम से जुड़े स्मारकों पर हमले किए गए।

उन्होंने कहा, “5 अगस्त को, पहला हमला खुद बंगबंधु पर किया गया। धनमंडी 32 में ऐतिहासिक घर, जो बंगाली स्वतंत्रता संघर्ष और मुक्ति संग्राम की यादों से गहराई से जुड़ा हुआ है, उसमें आग लगा दी गई; वहीं से बंगबंधु ने स्वतंत्रता की घोषणा की थी। पूरे देश में, बंगबंधु और मुक्ति संग्राम की मूर्तियों और स्मारकों को तोड़ दिया गया, मुक्ति संग्राम संग्रहालय को लूटा गया, और यहां तक कि हत्या के मैदानों और स्मारकों को भी नहीं बख्शा गया।”

मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार की आलोचना करते हुए शेख हसीना ने आरोप लगाया कि पिछले करीब 17 महीनों से पूरे देश में अराजकता फैली हुई है और मुक्ति संग्राम को ही निशाना बनाया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों पर शारीरिक हमले हो रहे हैं, राष्ट्रपिता के खिलाफ झूठा प्रचार किया जा रहा है और मुक्ति संग्राम की महानता को कमजोर दिखाने की कोशिश की जा रही है। मुक्ति संग्राम की पीढ़ी को सबसे खराब पीढ़ी कहा जा रहा है और सज़ायाफ्ता युद्ध अपराधियों को रिहा कर दिया गया है।

विजय दिवस पर बांग्लादेश की जनता को शुभकामनाएं देते हुए और स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए शेख हसीना ने लोगों से अपील की कि वे कठिन समय में भी मुक्ति संग्राम की भावना और मूल्यों को मजबूती से थामे रखें।

उन्होंने विश्वास जताया कि हारी हुई ताकतों को एक बार फिर पराजित किया जाएगा। पूर्व पीएम ने जोर देकर कहा, “हम हारी हुई ताकतों को एक बार फिर हराएंगे। ठीक वैसे ही जैसे 16 दिसंबर, 1971 को हुआ था, बांग्लादेश की जीत एक बार फिर अवामी लीग के नेतृत्व में होगी। आज़ादी की लड़ाई की उपलब्धियों से बने इस बांग्लादेश को मुट्ठी भर धोखेबाजों की साजिशों के कारण बर्बाद नहीं होने दिया जाएगा।”

दीदार ए हिन्द की रीपोर्ट

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