किसानों को आपदा में 33 प्रतिशत नुकसान पर दी जा रही है राहत : चौहान

किसानों को आपदा में 33 प्रतिशत नुकसान पर दी जा रही है राहत : चौहान

नई दिल्ली, 09 दिसंबर। केंद्र सरकार ने आपदा की स्थिति में किसानों को राहत देने की व्यवस्था में बड़ा बदलाव किया है। अब 50 प्रतिशत के बजाय 33 प्रतिशत के नुकसान पर ही किसानों को राहत दी जाएगी। इसके अतिरिक्त, यदि किसी किसान या उनके पशुओं की दुर्भाग्यवश कुछ तरह की आपदाओं में मृत्यु होती है, तो उस पर भी राहत देने की व्यवस्था की गई है। कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लोकसभा में एक पूरक प्रश्न के उत्तर में खाद्यान्न पैदावार में वृद्धि के लिए किसानों की प्रशंसा करते हुए कहा कि प्राकृतिक आपदाओं के बावजूद देश में फसलों की पैदावार पहले की तुलना में बहुत अधिक हुई है।

उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं से पीड़ित किसानों को सभी राज्यों में आवश्यक सुविधाएं दी जा रही हैं और केंद्र से राहत पैकेज दिए जा रहे हैं, ताकि राज्य सरकारें अपने यहाँ किसानों को पर्याप्त सहायता राशि दे सकें। उन्होंने स्पष्ट किया कि पहले प्राकृतिक आपदा के संदर्भ में 50 प्रतिशत नुकसान पर ही राहत दी जाती थी, लेकिन अब सरकार ने यह व्यवस्था 33 प्रतिशत नुकसान पर राहत देने की कर दी है।

उन्होंने बताया कि यदि किसी व्यक्ति की आपदा में मृत्यु होती है तो चार लाख रुपये की राशि दी जाती है। वहीं, यदि बैल या भैंस मारे जाते हैं तो 33 हज़ार 500 रुपये और मुर्गे आदि की मृत्यु होने पर भी राहत देने की व्यवस्था सरकार ने की है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य सरकारें इन योजनाओं को लागू करती हैं। कृषि मंत्री ने कहा कि फ़सलों को होने वाले नुकसान का आकलन सरकार करती है और किसानों को राहत देती है। उन्होंने महाराष्ट्र में किसानों को राहत देने संबंधी एक सवाल पर कहा कि वहाँ भी फ़सलों के नुकसान का आकलन हो रहा है और उसके बाद राहत की व्यवस्था कर दी जाएगी।

चौहान ने किसानों की फ़सल को कीटनाशकों से नुकसान होने पर सरकार की सतर्कता दोहराई और कहा कि ऐसी कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने यह भी बताया कि यदि जंगली जानवरों से भी किसान को नुकसान होता है, तो प्रधानमंत्री फ़सल बीमा योजना के तहत किसान के नुकसान की भरपाई की जाएगी।

दीदार ए हिन्द की रीपोर्ट

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