जापान की धरती कांपी, भूकंप के झटकों ने 2011 में आई प्रलय की दिलाई याद…

जापान की धरती कांपी, भूकंप के झटकों ने 2011 में आई प्रलय की दिलाई याद…

टोक्यो, 06 अक्टूबर । 2011 में सुनामी का संकट झेल चुका जापान एक बार फिर भूकंप के झटकों से दहल उठा। जापान के होन्शू द्वीप के पूर्वी तट पर भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। रिक्टर पैमाने पर भूकंप की 6.0 मापी गई।

राष्ट्रीय भूकंप केंद्र (एनसीएस) की ओर से साझा जानकारी के अनुसार शनिवार देर रात भूकंप का केंद्र जमीन के अंदर 50 किलोमीटर गहराई में था।

फुकुशिमा, मियागी और इवाते प्रांत में भूकंप के सबसे ज्यादा झटके महसूस हुए हैं। इन्हें कई सेकेंड तक महसूस किया गया। लोग अपने घरों से बाहर निकल आए और अफरातफरी का माहौल बन गया। कुछ देर के लिए लोगों को 2011 में आई प्रलय याद आ गई.

भूकंप का केंद्र समुद्र के भीतर था। इसकी गहराई केवल 50 किलोमीटर था। हालांकि मौसम विभाग ने भूकंप के बाद सुनामी की कोई चेतावनी जारी नहीं की, लेकिन लोगों को 2011 की वो प्राकृतिक आपदा याद आ गई, जब भूकंप के परिणामस्वरूप हजारों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। हालांकि भूकंप में जानमाल की क्षति को लेकर ज्यादा जानकारी सामने नहीं आई है।

जापान पेसिफिक रिंग ऑफ फायर में स्थिति है, जिसकी वजह से यहां पर टेक्टोनिक प्लेटों की गतिविधि होती रहती है। यही कारण है कि जापान से अक्सर भूकंप की खबरें सामने आती है। भूकंप के बाद यहां सुनामी का भी खतरा बना रहता है।

जापान में अब तक का सबसे विनाशकारी भूकंप 11 मार्च 2011 को आया, जिसने खूब तबाही मचाई थी। जापान के तोहोकू (पूर्वी जापान) में 9.0-9.1 तीव्रता वाले भूकंप के आधे घंटे बाद समुद्र में 40 मीटर से भी ज्यादा ऊंची सुनामी उठी। इसकी वजह से जापान को बड़ी तबाही का सामना करना पड़ा था।

इस प्राकृतिक आपदा में 18 हजार से ज्यादा लोग मारे गए और लापता हो गए। साथ ही बुनियादी ढ़ांचों का काफी नुकसान हुआ था।

2011 में आए इस भूकंप का असर जापान के फुकुशिमा परमाणु संयंत्रों पर भी देखने को मिला था। भूकंप की वजह से फुकुशिमा पावर प्लांट में रिसाव होने लगा। यह घटना जापान के इतिहास की सबसे विनाशकारी प्राकृतिक आपदाओं में से एक मानी जाती है।

दीदार ए हिन्द की रीपोर्ट

Related Articles

Back to top button