दिवाली की कर रहे हैं सफाई, तो जानें घर के वायव्य दिशा में क्या नहीं होना चाहिए..
दिवाली की कर रहे हैं सफाई, तो जानें घर के वायव्य दिशा में क्या नहीं होना चाहिए..

उत्तर और पश्चिम दिशा के बीच वायव्य दिशा या कोण कहते हैं। अगर आप भी दिवाली की सफाई कर रहे हैं, तो जान लें कि इस दिशा में क्या नहीं होना चाहिए। यह कोण बहुत खास माना जाता है। यह जगह वायु की जगह होती है, इसलिए इस जगह से वायु का आना क्लियर होना चाहिए।
वायव्य कोण में मंदिर बनाने से आपका पूजा में मन और ध्यान नहीं लगता तथा एकाग्रता में कमी आती है। इसलिए इस जगह में मंदिर नहीं रखना चाहिए। अगर आप इस कोण में भारी सामान रखते हैं, तो आप करियर में और बिजनेस में पीछे हो जाते हैं। दरअसल इस जगह पर रखा भारी समाना आपकी उन्नति व प्रगति के रास्ते रुक जाते हैं। इसलिए इस जगह पर भारी सामान ना रखें।
वायव्य कोण में किसी भी प्रकार का कुआं, पानी की टंकी या फाउंटेन नहीं होना चाहिए। इससे आप कभी पैसा नहीं बचा पाएंगे। इससे आपका खर्च बढ़ता है और रिश्तों में दूरियां आती है।
अगर घर के वायव्य कोण में केवल कोने में बढ़ाव होता तो शत्रुओं की संख्या बढ़ जाती है। शत्रुओं के कारण आपकी लाइफ में तनाव रहता है।
वायव्य कोण में धन रखा हो तो खर्च जितनी आमदनी जुटा पाना मुश्किल होता है। ऐसे व्यक्ति का बजट हमेशा गड़बड़ाया हुआ रहता है और वह कर्जदारों द्वारा सताया जाता है। धन को हमेशा ईशान या उत्तर दिशा में रखें।
वायव्य कोण में लाल या काला रंग होने से वायु तत्व असंतुलित हो जाता है। इस कारण जीवन में उतार-चढ़ाव आते हैं। वायव्य कोण में मुख्य शयन कक्ष बनाने से मुखिया के जीवन में स्थिरता नहीं रहती। बिना बात के विवाद होते हैं।
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
दीदार ए हिन्द की रीपोर्ट


