पूर्व केंद्रीय मंत्री की फेसबुक पोस्ट की जांच में अमेरिका की मदद लेगी पुलिस, सरकार ने दी मंजूरी…

पूर्व केंद्रीय मंत्री की फेसबुक पोस्ट की जांच में अमेरिका की मदद लेगी पुलिस, सरकार ने दी मंजूरी…

तिरुवनंतपुरम, केरल सरकार ने राज्य पुलिस को पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर के फेसबुक अकाउंट की जांच में अमेरिका से मदद लेने की मंजूरी दे दी है। यह मंजूरी अमेरिका से पारस्परिक कानूनी सहायता के तहत दी गई है। केरल भाजपा अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने विवादित फेसबुक पोस्ट 29 अक्टूबर 2023 को कलामस्सेरी में हुए दोहरे बम विस्फोटों को लेकर की थी, जिसमें आठ लोग मारे गए थे। इस पोस्ट को लेकर एर्नाकुलम साइबर सेल में 31 अक्तूबर 2023 को पुलिस ने शिकायत दर्ज कराई गई थी।

क्या है फेसबुक पोस्ट को लेकर विवाद?
प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि चंद्रशेखर के अकाउंट से कथित तौर पर किए गए फेसबुक पोस्ट में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश की गई और कलामस्सेरी में हुए विस्फोटों में फलस्तीनी आतंकवादी समूह हमास का जिक्र करते हुए एक भड़काऊ टिप्पणी की गई। इस पोस्ट में कांग्रेस और माकपा पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया गया और हैशटैग ‘HamasTerrorist’ और ‘KochiTerrorAttacks’ का इस्तेमाल किया गया। इसमें कथित तौर पर हमास नेता खालिद मशाल की ओर इशारा किया गया था, जो विस्फोट से एक दिन पहले केरल में आयोजित फलस्तीन समर्थक विरोध प्रदर्शन में वर्चुअल रूप से शामिल हुआ था।

राज्य सरकार ने अमेरिका से मदद लेने की दी मंजूरी
इस पोस्ट की जांच के लिए राज्य पुलिस को अमेरिका में फेसबुक और एक्स मीडिया प्लेटफॉर्म से जानकारी जुटाने की जरूरत है। इस संबंध में पुलिस ने राज्य सरकार से जुलाई में इसकी इजाजत मांगी, जिस पर 8 सितंबर को सरकार ने इजाजत दे दी। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि पारस्परिक कानूनी सहायता का अनुरोध सीबीआई के माध्यम से भेजा जाएगा, जो भारत की इंटरपोल नोडल एजेंसी है। अमेरिका में इंटरपोल एजेंसी संबंधित सोशल मीडिया फर्मों से जानकारी एकत्र करके अनुरोध को आगे बढ़ाएगी।

केरल उच्च न्यायालय ने दी राहत
पुलिस ने चंद्रशेखर और भाजपा के राष्ट्रीय सचिव अनिल एंटनी के खिलाफ हमास का नाम लेकर पोस्ट करने के आरोप में एक और मामला भी दर्ज किया था। दोनों मामले आईपीसी की धारा 153 (दंगा भड़काने के इरादे से उकसाना), 153ए (धर्म, नस्ल, भाषा या जाति के आधार पर समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और केरल पुलिस अधिनियम की धारा 120(ओ) (उपद्रव फैलाना) के तहत दर्ज किए गए थे। बाद में चंद्रशेखर ने केरल उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, जिसने पुलिस को उनके खिलाफ कोई भी दंडात्मक कार्रवाई न करने का निर्देश दिया।

दीदार ए हिन्द की रीपोर्ट

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