विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप: नीरज चोपड़ा के प्रदर्शन ने तोड़ा लोगों का दिल, सचिन यादव ने हासिल किया चौथा स्थान…

विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप: नीरज चोपड़ा के प्रदर्शन ने तोड़ा लोगों का दिल, सचिन यादव ने हासिल किया चौथा स्थान…

तोक्यो, 20 सितंबर। पीठ की चोट से परेशान मौजूदा चैंपियन नीरज चोपड़ा पुरुष भाला फेंक के फाइनल में उम्मीदों पर खरे नहीं उतर सके और आठवें स्थान पर रहे। दूसरी ओर, पहली बार इस स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर रहे भारत के सचिन यादव ने शानदार प्रदर्शन करते हुए चौथा स्थान हासिल किया। इस फाइनल में कोई भी एथलीट 90 मीटर के आंकड़े को छू नहीं सका।

नीरज चोपड़ा, जिन्हें 2021 तोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण और 2022 विश्व चैंपियनशिप में रजत के साथ-साथ 2023 में स्वर्ण पदक जीतने के लिए जाना जाता है, इस बार केवल 84.03 मीटर का सर्वश्रेष्ठ थ्रो फेंक सके। पांचवें राउंड के बाद वह प्रतियोगिता से बाहर हो गए। भारतीय प्रशंसकों को इस प्रदर्शन से गहरा झटका लगा, क्योंकि पिछले चार सालों में चोपड़ा ने लगातार शीर्ष प्रदर्शन किया था। पिछले 24 अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में वह हमेशा पहले या दूसरे स्थान पर रहे थे। इस बार, हालांकि, वह एक भी थ्रो में 85 मीटर का आंकड़ा पार नहीं कर सके, जो उनके करियर का सबसे कमजोर प्रदर्शन माना जा रहा है। उनका पिछला सबसे खराब थ्रो 82.27 मीटर था, जो मई 2024 में फेडरेशन कप में स्वर्ण जीतते समय दर्ज किया गया था।

चोपड़ा ने फाइनल के बाद बताया कि वह पिछले दो सप्ताह से पीठ की चोट से जूझ रहे थे और इसके लिए रिहैबिलिटेशन प्रक्रिया से गुजर रहे थे। दिलचस्प बात यह है कि सचिन यादव के सभी पांच वैध थ्रो नीरज के सर्वश्रेष्ठ 84.03 मीटर से बेहतर थे। स्वर्ण पदक त्रिनिदाद और टोबैगो के केशोर्न वालकॉट ने 88.16 मीटर के थ्रो के साथ जीता, जबकि ग्रेनाडा के एंडरसन पीटर्स (87.38 मीटर) दूसरे और अमेरिका के कुर्टिस थॉम्पसन (86.67 मीटर) तीसरे स्थान पर रहे।

पेरिस ओलंपिक के रजत पदक विजेता और विश्व चैंपियनशिप 2023 के रजत विजेता पाकिस्तान के अरशद नदीम भी इस बार निराशाजनक प्रदर्शन के साथ चौथे राउंड में बाहर हो गए। उनका सर्वश्रेष्ठ थ्रो 82.75 मीटर रहा। चोपड़ा और नदीम के बीच रोमांचक मुकाबले की उम्मीद कर रहे प्रशंसकों को भी मायूसी हाथ लगी।

प्रतियोगिता में तीसरे राउंड के बाद 10 खिलाड़ी बचे थे, चौथे राउंड के बाद दो बाहर हुए, और पांचवें राउंड के बाद दो और खिलाड़ी बाहर हो गए। अंतिम छठे राउंड में केवल छह एथलीट बचे। चोपड़ा का पांचवां थ्रो फाउल रहा, जिसके बाद वह उसी मैदान से निराशाजनक ढंग से बाहर हो गए, जहां उन्होंने 2021 में ओलंपिक स्वर्ण जीतकर इतिहास रचा था।

इस बीच, भारत का प्रतिनिधित्व अंतिम राउंड में सचिन यादव ने किया। उन्होंने अपने पहले ही थ्रो में 86.27 मीटर की दूरी हासिल की, जो उनका अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन भी है। यह थ्रो उन्हें जर्मनी के जूलियन वेबर (86.11 मीटर) और पाकिस्तान के अरशद नदीम (82.75 मीटर) से आगे ले गया।

चोपड़ा ने अपने पहले थ्रो में 83.65 मीटर की दूरी के साथ शुरुआत की और पांचवें स्थान पर थे। उनका तीसरा थ्रो 84.03 मीटर का रहा, लेकिन दूसरे राउंड के बाद वह आठवें स्थान पर खिसक गए। चौथा थ्रो 82.86 मीटर का रहा, और पांचवें थ्रो में उन्हें कीनिया के जूलियस येगो (85.54 मीटर) को पछाड़ने की जरूरत थी, लेकिन उनका थ्रो फाउल हो गया। थ्रो के बाद वह साइड में गिर पड़े, और रेखा पार करने के कारण लाल झंडा दिखाया गया।

इस साल मई में चेक गणराज्य में दिग्गज खिलाड़ी जान जेलेज्नी के मार्गदर्शन में चोपड़ा ने 90.23 मीटर का थ्रो फेंका था, लेकिन उसके बाद उनके प्रदर्शन में लगातार गिरावट देखी गई। इस साल दो प्रतियोगिताओं में वह 85 मीटर से आगे नहीं बढ़ सके, और केवल एक बार 86 मीटर से अधिक का थ्रो फेंक पाए। उनका दूसरा सर्वश्रेष्ठ थ्रो 88.16 मीटर था।

दूसरी ओर, उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के खेकरा गांव के एक किसान परिवार से आने वाले सचिन यादव ने अपने प्रदर्शन से सबको प्रभावित किया। उनका पिछला सर्वश्रेष्ठ थ्रो 85.16 मीटर था, जो मई में कोरिया में एशियाई चैंपियनशिप में रजत पदक जीतते समय दर्ज किया गया था। इस बार उनके थ्रो 86.27 मीटर, 85.71 मीटर, 84.90 मीटर, 85.96 मीटर और 80.95 मीटर रहे, जबकि दूसरा थ्रो फाउल रहा।

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