राजनीति में मील का पत्थर बनी भारत जोड़ो यात्रा: कांग्रेस ने तीसरी वर्षगांठ पर याद किए उद्देश्य और प्रभाव…
राजनीति में मील का पत्थर बनी भारत जोड़ो यात्रा: कांग्रेस ने तीसरी वर्षगांठ पर याद किए उद्देश्य और प्रभाव…

नई दिल्ली, 07 सितंबर। कांग्रेस पार्टी ने आज अपने पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में निकली ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की तीसरी वर्षगांठ मनाई। इस मौके पर कांग्रेस ने इस यात्रा को भारतीय राजनीति में एक “परिवर्तनकारी मील का पत्थर” बताया और दावा किया कि इसका प्रभाव आज भी महसूस किया जा रहा है।
कांग्रेस संचार विभाग के प्रभारी जयराम रमेश ने इस अवसर पर कहा कि भारत जोड़ो यात्रा का उद्देश्य देश के तीन सबसे ज्वलंत मुद्दों- आर्थिक असमानता, गहराता सामाजिक ध्रुवीकरण और बढ़ते राजनीतिक अधिनायकवाद- को उजागर करना था। रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “आज से ठीक तीन साल पहले कन्याकुमारी से शुरू हुई यह यात्रा सिर्फ एक पदयात्रा नहीं, बल्कि देश की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ थी।”
यह यात्रा 7 सितंबर, 2022 को कन्याकुमारी से शुरू हुई थी और 145 दिनों में 12 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों से होते हुए श्रीनगर में समाप्त हुई थी। इस 4,000 किलोमीटर से अधिक की लंबी पदयात्रा में राहुल गांधी के साथ 200 से अधिक ‘भारत यात्रियों’ ने हिस्सा लिया था।
पार्टी का दावा है कि इस यात्रा ने राहुल गांधी की राजनीतिक छवि को एक नया आयाम दिया है और जमीनी स्तर पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं में नया जोश भरा है। पार्टी के अनुसार, यात्रा ने आम लोगों से जुड़ने और उनकी चिंताओं को समझने का एक प्रभावी मंच प्रदान किया। दूसरी ओर, सत्तारूढ़ दल ने इस यात्रा को एक राजनीतिक स्टंट करार देते हुए इसकी आलोचना की थी।
कांग्रेस का मानना है कि यात्रा के दौरान उठाए गए मुद्दों ने जनता का ध्यान खींचा और देश की वर्तमान राजनीतिक-आर्थिक स्थिति पर बहस को हवा दी। यात्रा ने पार्टी के लिए एक नई ऊर्जा का संचार किया और आने वाले समय में इसके सकारात्मक परिणाम दिखने की उम्मीद है। हालांकि, आलोचकों का मानना है कि यात्रा के बाद के चुनावी परिणामों में इसका सीधा असर साफ तौर पर नहीं दिखा, फिर भी कांग्रेस का दावा है कि यह एक दूरगामी प्रयास था, जिसके नतीजे भविष्य में सामने आएंगे।
दीदार ए हिन्द की रीपोर्ट

