दिल्ली में बाढ़ का खतरा: यमुना खतरे के निशान से आधा मीटर ऊपर, निचले इलाके जलमग्न…
दिल्ली में बाढ़ का खतरा: यमुना खतरे के निशान से आधा मीटर ऊपर, निचले इलाके जलमग्न…

नई दिल्ली, 02 सितंबर । राजधानी दिल्ली में यमुना नदी एक बार फिर उफान पर है और बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से लगातार भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण यमुना का जलस्तर खतरे के निशान 205.33 मीटर को पार कर 205.68 मीटर पर पहुंच गया है। इसके चलते निचले इलाकों में पानी घुसना शुरू हो गया है, जिससे लोगों में दहशत का माहौल है और वे सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन करने को मजबूर हो गए हैं।
सोमवार सुबह हथिनी कुंड बैराज से लगभग 3 लाख 29 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, जो इस मानसून में अब तक की सबसे बड़ी मात्रा है। इस पानी के दिल्ली पहुंचने के साथ ही हालात तेजी से बिगड़ने लगे हैं। यमुना के किनारे बसे रिहायशी इलाकों की गलियों और कई घरों के निचले हिस्सों में पानी भर गया है, और सड़कें पूरी तरह जलमग्न हो गई हैं। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने सोमवार शाम 5 बजे ही पुराने यमुना पुल (लोहा पुल) को यातायात के लिए बंद कर दिया था।
प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी करते हुए यमुना के आसपास के क्षेत्रों में राहत कैंप सक्रिय कर दिए हैं। निचले इलाकों में रहने वाले लगभग 15,000 लोगों में से 5,000 लोग सीधे तौर पर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बसे हुए हैं। अधिकारियों ने इन लोगों से सुरक्षित स्थानों पर चले जाने की अपील की है। यमुना किनारे बसे तिब्बतन कॉलोनी के पास रहने वाले शिव शंकर शर्मा जैसे कई परिवार अपना सामान समेटकर सुरक्षित ठिकानों की ओर जा रहे हैं। उनका कहना है कि यह हर साल की समस्या बन गई है जो उन्हें अपना घर छोड़ने पर विवश कर देती है।
यह स्थिति पिछले साल 2023 की भयावह बाढ़ की याद दिला रही है, जब यमुना का जलस्तर रिकॉर्ड 208.66 मीटर तक पहुंच गया था और कई पॉश इलाकों में भी 8-8 फुट तक पानी भर गया था। अधिकारियों का अनुमान है कि मंगलवार शाम तक यमुना का जलस्तर 206 मीटर के निकासी स्तर तक पहुंच सकता है, जिससे स्थिति और भी गंभीर हो सकती है। दिल्ली के अलावा, आगरा में भी यमुना नदी रौद्र रूप दिखा रही है, जहां पानी अलर्ट लेवल से ऊपर है और ताजगंज श्मशान घाट समेत कई घाट जलमग्न हो गए हैं।
इस बीच, मौसम विभाग ने भी चिंता बढ़ा दी है। विभाग ने सितंबर में मानसून के सक्रिय रहने और कई इलाकों में सामान्य से अधिक बारिश होने का पूर्वानुमान जताया है। राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार को भी रुक-रुक कर बारिश होती रही। बाढ़ के खतरे का सामना कर रहे लोगों का आरोप है कि हर साल चेतावनियां तो जारी होती हैं, लेकिन ज़मीनी स्तर पर राहत और मदद अक्सर देर से पहुंचती है, जिससे उनकी मुश्किलें और बढ़ जाती हैं।
दीदार ए हिन्द की रीपोर्ट

