असम में हिरासत में लिए गए तीन प्रवासी श्रमिक बंगाल सरकार के हस्तक्षेप के बाद रिहा : तृणमूल सांसद…

असम में हिरासत में लिए गए तीन प्रवासी श्रमिक बंगाल सरकार के हस्तक्षेप के बाद रिहा : तृणमूल सांसद…

कोलकाता, 02 सितंबर। असम में कथित तौर पर बांग्लादेशी होने के संदेह में हिरासत में लिए गए पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के तीन प्रवासी श्रमिकों को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के हस्तक्षेप के बाद रिहा कर दिया गया है। तृणमूल कांग्रेस के सांसद समीरुल इस्लाम ने सोमवार को यह दावा किया। इस्लाम ने कहा कि तीनों को रविवार रात रिहा कर दिया गया। इस्लाम पश्चिम बंगाल प्रवासी श्रमिक कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं।

तृणमूल सांसद ने बताया, ‘‘तीनों मजदूरों को बांग्लादेशी होने के संदेह में हिरासत में लेकर असम के एक निरुद्ध केंद्र में भेज दिया गया। हमारे त्वरित हस्तक्षेप के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया।’’ उन्होंने यह भी दावा किया, ‘‘यहां तक कि श्रमिकों से अवैध रूप से वसूले गए 1.5 लाख रुपये भी वापस कर दिए गए।’’ इस्लाम के अनुसार, उनमें से दो शक्तिपुर और एक मुर्शिदाबाद के बेलडांगा का रहने वाला है।

राज्यसभा सदस्य ने आरोप लगाया, ‘‘वे 22 अगस्त को नागांव पहुंचे और फेरी लगाने लगे, लेकिन पुलिसकर्मियों ने उन्हें बांग्ला में बात करते हुए सुन लिया, जिसके बाद उन्हें हैबरगांव में पुलिस ने पकड़ लिया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘बंगाल के प्रवासी मज़दूरों पर कई मामले दर्ज किए गए हैं। भाजपा शासित राज्यों में उन्हें हिरासत में लिया गया, प्रताड़ित किया गया और उनसे वसूली की गई। हमारी सरकार ने ऐसी घटनाओं की सूचना मिलने पर तुरंत कार्रवाई करने का कड़ा रुख अपनाया है।’’

इस्लाम ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में दावा किया कि उत्तर 24 परगना के हाबरा के एक प्रवासी श्रमिक गोलाम मंडल की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा शासित महाराष्ट्र में ‘‘अवैध हिरासत के दौरान पुलिस द्वारा अमानवीय यातना’’ के कारण मौत हो गई।

दीदार ए हिन्द की रीपोर्ट

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