जानलेवा गैस से बचाएंगे गैजट्स…

जानलेवा गैस से बचाएंगे गैजट्स…

कुकिंग गैस की सुविधा और इसके लीक होने के खतरे से तो सब वाकिफ हैं, लेकिन गैस लीक का पता लगाने का काम केवल नाक के भरोसे छोड़ना खतरनाक साबित हो सकता है। हम बता रहे हैं ऐसे गैजट्स के बारे में, जो आपको खतरनाक गैस लीकेज से आगाह करता है…

एलपीजी सिलेंडरों से गैस का रिसाव बेहद खतरनाक होता है। आपको पता भी नहीं चलता और गैस पूरे घर में फैलकर बर्बादी का सबब बन जाती है। कभी रेग्युलेटर का ढंग से काम ना कर पाना, कभी पाइप में क्रैक हो जाना, कभी हवा से लौ का बुझ जाना, ये कुछ ऐसे तरीके हैं जिनसे खतरनाक गैस घर में फैल सकता है और आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है। यही नहीं, कई दूसरे गैस और स्मोक भी जानलेवा होते हैं। ऐसे में बेहतर रहता है कि गैस लीकेज पर नजर रखी जाए और यह काम गैजट को सौंप दिया जाए।

गैस सेंसर डिवाइस:-रसोई गैस के रिसाव की चेतावनी देने वाले कई ऐसे गैजट बाजार में मिलते हैं, जिन्हें गैस सिलेंडर या बर्नर से जोड़ने की कोई जरुरत भी नहीं पड़ती। ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट्स पर घरेलू बिजली से चलने वाला गैस अलार्म 900 रुपये में मिल जाता है। इसे इंस्टॉल करने में कोई खास मशक्कत भी नहीं करनी पड़ती है, बस दिए गए स्क्रू से कहीं कस देना भर होता है। इसके बाद डिवाइस के प्लग को इलेक्ट्रिसिटी से कनेक्ट कर दिया जाता है।

छोटे डिब्बे के आकार का यह डिवाइस अगर रसोई में आपको सुविधाजनक नहीं लग रहा, तो वायरलेस उपकरण भी मिलता है। इसका एक हिस्सा गैस लीकेज वाली जगह पर लगाया जा सकता है तो दूसरा हिस्सा 100 मीटर दूर तक रखा जा सकता है। इसे ऐसी जगह पर लगाएं, जहां से आप इसे आसानी से सुन और देख सकें। ऐसा वायरलेस गैस सेंसर ऑनलाइन 2000 रुपये तक में मिल रहा है।

ऑक्सीजन की कमी का सिग्नल:-ठिठुरन भरी सर्दी का मौसम आने को है। ऐसे मौसम में अक्सर सुनाई देती हैं कमरे में अंगीठी और हीटर से होने वाले ऐक्सिडेंट्स की खबरें। असल में जब हम किसी बंद जगह पर हीटर या अंगीठी जलाते हैं, तो वहां घातक कार्बन मोनो ऑक्साइड गैस का लेवल काफी बढ़ जाता है। बंद कमरे में कार्बन मोनो ऑक्साइड गैस के लेवल के बढ़ते ही लोगों को बेहोशी छाने लगती है और मौत तक हो जाने का खतरा बना रहता है।

डिजिटल गैस डिटेक्टर:-किसी भी गैस की मौजूदगी को च्च्ड यानी पाट्र्स पर मिलियन की यूनिट में नापा जाता है। इसके सही लेवल पर लगातार नजर रखने के लिए 3 सेल से चलने वाला डिजिटल डिटेक्टर बाजार में मिलता है। यह लगातार डिस्प्ले पर दिखाता रहता है कि कार्बन मोनोऑक्साइड का लेवल कितने च्च्ड पर है। शॉपिंग वेबसाइट्स पर यह 2000 रुपये के आसपास मिल जाता है।

धुंए और आग से सेफ्टी:-अगर आप घर पर नहीं हैं और आग लग गई, तो जब तक धुंआ घर के बाहर न निकलने लगे आसपास के लोग भी खतरे को नहीं भांप पाते। ऐसे में बेहतर हो कि शुरुआती धुंआ निकलते ही अलर्ट करने के लिए डिवाइस इंस्टॉल कराया जाए। घर पर लगवाने के लिए भी बाजार में स्मोक/ फायर डिटेक्टर आते हैं। ये धुएं की उपस्थिति और आग के लगते ही तेज आवाज के जरिए सिग्नल देते हैं। ऑनलाइन इन्हें स्मोक या फायर डिटेक्टर के नाम से 900 रुपये से 1600 रुपये में खरीदा जा सकता है। यह अलग-अलग आकार में मिलते हैं।

चंद टिप्स:-

-इस तरह के डिटेक्टर/सेंसर सिलेंडर से कुछ दूरी पर हो तो बेहतर, लेकिन कभी भी एग्जॉस्ट फैन/ खिड़की/दरवाजे के पास नहीं लगाना चाहिए।

-एलपीजी जैसी भारी गैस के लिए इसे फर्श से लगभग एक फिट की ऊंचाई पर लगा होना चाहिए और हाइड्रोजन जैसी हल्की गैस या धुएं के लिए इसे छत से एक-दो फुट नीचे लगा होना चाहिए।

-लगभग सभी सेंसर/डिटेक्टर लो बैटरी इंडिकेशन, टेस्ट बटन और धूल से बचाव की सुविधा के साथ आते हैं। लगभग सभी के साथ दीवार, छत पर लगाने के लिए स्क्रू और इंस्ट्रक्शन बुकलेट साथ आती है। इसे ध्यान से पढ़ें और फिर फिट करें या करवाएं।

दीदार ए हिन्द की रीपोर्ट

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