अवसरों का निर्माण करने वाली धरती बन गयी है भारत : मोदी..

अवसरों का निर्माण करने वाली धरती बन गयी है भारत : मोदी..

न्यूयॉर्क/नई दिल्ली, 23 सितंबर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत को अवसरों का निर्माण करने वाली धरती बताते हुए आज कहा कि मानवता, आध्यात्म, प्रगतिशीलता, अडिगता एवं समृद्धि की पांच पंखुड़ियों के बल पर भारत विकसित बनेगा।
श्री मोदी ने अमेरिका की यात्रा के दूसरे दिन रविवार को न्यूयॉर्क के नसाऊ काउंटी के यूनियनडेल में नसाऊ कोलेजियम में प्रवासी भारतीयों द्वारा आयोजित कार्यक्रम मोदी एंड यूएस में जुटी 15 हजार से अधिक की भीड़ को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा, “अब अपना नमस्ते भी मल्टीनेशनल हो गया है। लोकल से ग्लोबल हो गया है और ये सब आपने किया है। अपने दिल में भारत को बसा कर रखने वाले हर भारतीय ने ये किया है। आपका ये प्यार मेरा बहुत बड़ा सौभाग्य है। मुझे वो दिन याद आते हैं जब मैं प्रधानमंत्री भी नहीं था, मुख्यमंत्री भी नहीं था और नेता भी नहीं था। उस समय जिज्ञासु के तौर पर मैं यहां आया करता था। जब मैं किसी पद पर नहीं था, उससे पहले भी मैं अमेरिका के करीब 29 प्रांतों में दौरा कर चुका था।”
उन्होंने कहा कि वह हमेशा से भारतीय समुदाय के सामर्थ्य को समझता रहे हैं। उन्होंने कहा, “आप मेरे लिए हमेशा से भारत के सबसे मजबूत बैंड एंबेसेडर रहे हैं। इसलिए मैं आप सबको राष्ट्रदूत कहता हूं। आपने भारत को अमेरिका से और अमेरिका को भारत से जोड़ा है। आपका कौशल, प्रतिभा और प्रतिबद्धता बेजोड़ है। विदेश में रहते हुए भी कोई महासागर आपको भारत से अलग नहीं कर सकता।”
उन्होंने कहा कि हम जहां भी जाते हैं, सबको परिवार मानकर उनसे घुल मिल जाते हैं। विविधता को समझना, जीना, उसे अपने जीवन में उतारना… ये हमारे संस्कारों में है। कोई तमिल बोलता है… कोई तेलुगु, कोई मलयालम, तो कोई कन्नड़ा… कोई पंजाबी, कोई मराठी तो, कोई गुजराती… भाषा अनेक हैं, लेकिन भाव एक है… और वो भाव है- भारतीयता। उन्होंने कहा कि हम उस देश के वासी हैं, जहां सैकड़ों भाषाएं और बोलियां हैं, दुनिया के सारे मत और पंथ हैं। फिर भी हम एक बनकर, नेक बनकर आगे बढ़ रहे हैं। दुनिया के साथ जुड़ने के लिए ये हमारी सबसे बड़ी ताकत है। यही मूल्य, हमें सहज रूप से ही विश्व-बंधु बनाते हैं।
श्री मोदी ने कहा, “दुनिया के लिए एआई का मतलब है- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस है। लेकिन मैं मानता हूं कि एआई का मतलब है- अमेरिकन इंडियन। यही तो दुनिया का एआई पावर है। यही एआई भावना भारत-अमेरिका के रिश्तों को नई ऊंचाई दे रहा है।” उन्हाेंने याद किया कि अमेरिका के राष्ट्रपति जोसेफ आर बिडेन उन्हें अपने घर ले गए थे, उनकी आत्मीयता, उनकी गर्मजोशी… दिल छू लेने वाला मौका रहा। ये सम्मान 140 करोड़ भारतीयों का है, ये सम्मान आपका है और आपके पुरुषार्थ का है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 2024 का ये साल, पूरी दुनिया के लिए बहुत अहम है। एक तरफ दुनिया के कई देशों के बीच संघर्ष है, तनाव है तो दूसरी तरफ कई देशों में लोकतंत्र का जश्न चल रहा है। लोकतंत्र के इस जश्न में भारत और अमेरिका एक साथ हैं. अमेरिका में चुनाव होंगे और भारत में चुनाव संपन्न हो चुके हैं। भारत में ये चुनाव मानव इतिहास में अब तक के सबसे बड़े चुनाव थे। भारत में अमेरिका की आबादी से दोगुने लोग वोट डालते हैं।
उन्होंने कहा कि भारत में हुए इस बार के चुनाव, मानव इतिहास के, अब तक के सबसे बड़े चुनाव थे। भारत की जनता ने ये नया जनादेश दिया है। उसके मायने बहुत हैं और बहुत बड़े भी हैं। ये तीसरे टर्म में हमें बहुत बड़े लक्ष्य साधने हैं। हमें तीन गुना ताकत और तीन गुनी गति के साथ आगे बढ़ना है। इस तीसरे कार्यकाल में हमें कई लक्ष्य हासिल करने हैं. हमें तीन गुना शक्ति और ताकत के साथ आगे बढ़ना है।
श्री मोदी ने कहा, “आपको एक शब्द याद रहेगा पुष्प। पी से प्रोग्रेसिव भारत, यू से अनस्टॉपेबल भारत, एस से स्पीरीचुअल भारत, एच से मानवता प्रथम को समर्पित भारत, पी से समृद्धिशाली भारत। इस प्रकार से ‘पुष्प’ की पांच पंखुड़ियां मिलकर ही विकसित भारत बनाएंगी।
श्री मोदी ने भारत के स्वाधीनता संग्राम में सक्रिय स्वतंत्रता सेनानियों को याद करते हुए कहा कि उनका जन्म आज़ाद भारत में हुआ था और उन्हें आज़ादी की लड़ाई देखने के लिए नहीं मिली। उन्होंने कहा, “हम देश के लिए मर नहीं पाए, लेकिन हम देश के लिए जी जरूर सकते हैं। पहले दिन से मेरा मन और मिशन एकदम क्लीयर रहा है… मैं स्वराज्य के लिए जीवन नहीं दे पाया… लेकिन मैंने तय किया सुराज और समृद्ध भारत के लिए जीवन समर्पित करूंगा।”
उन्होंने कहा कि आज भारत दुनिया के सबसे बड़े युवा देशों में से एक है। भारत ऊर्जा से भरा हुआ है, सपनों से भरा हुआ है। आज ही एक और बहुत अच्छी खबर में मिली है। शतरंज ओलंपियाड में पुरुष और महिला वर्ग दोनों में भारत को गोल्ड मिला है। ये लगभग 100 साल के इतिहास में पहली बार हुआ है। एक दशक से भारत, 10वें नंबर से 5वें नंबर की अर्थव्यवस्था बन गया है। अब हर भारतीय चाहता है कि भारत जल्दी से तीसरे नंबर की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बने।
श्री मोदी ने कहा, “भारत आज, अवसरों की धरती है। अब भारत, अवसरों का इंतजार नहीं करता, अवसरों का निर्माण करता है। पिछले दस वर्षों में भारत ने हर क्षेत्र में नए लॉन्चिंग पैड के अवसर पैदा किए हैं। सिर्फ एक दशक में 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया। यह इसलिए संभव हो सका क्योंकि हमने पुरानी सोच और दृष्टिकोण को बदला। हमने गरीबों को सशक्त बनाने पर ध्यान केंद्रित किया। हमने 50 करोड़ से अधिक लोगों को बैंकिंग प्रणाली से जोड़ा।”
उन्होंने कहा कि आज भारत का 5जी मार्केट अमेरिका से भी बड़ा हो चुका है और ये सिर्फ दो साल के भीतर हुआ है। अब भारत ‘मेड इन इंडिया’ 6जी पर काम कर रहा है। यह इसलिए संभव हो सका क्योंकि हमने इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए नीतियां बनाईं। हमने मेड इन इंडिया तकनीक पर काम किया। अब भारत पीछे नहीं चलता, नई व्यवस्थाएं बनाता है और नेतृत्व करता है। भारत ने डिजीटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे (डीपीआई) का नया विचार दुनिया को दिया है। उन्होंने कहा कि भारत अब रुकने वाला नहीं है, भारत अब थमने वाला नहीं है। भारत चाहता है कि दुनिया में ज्यादा से ज्यादा डिवाइस मेड इन इंडिया चिप पर चले।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले साल जून में भारत ने सेमी-कंडक्टर सेक्टर के लिए इनसेंटिव घोषित किए थे। इसके कुछ ही महीनों बाद माइक्रोन की पहली सेमी-कंडक्टर यूनिट का शिलान्यास भी हो गया है। अब तक भारत में ऐसी पांच यूनिट्स स्वीकृत हो चुकी हैं। वो दिन दूर नहीं… जब आप मेड इन इंडिया चिप यहां अमेरिका में भी देखेंगे। ये छोटी सी चिप विकसित भारत की उड़ान को नई ऊंचाई पर ले जाएगी और ये मोदी की गारंटी है।
उन्होंने कहा कि बीते 10 वर्ष में भारत में हर सप्ताह एक यूनिवर्सिटी बनी है। हर दिन दो नए कॉलेज बने हैं। हर दिन एक नई आईटीआई की स्थापना हुई है। 10 साल में मेडिकल कॉलेजों की संख्या भी लगभग दोगुनी हो चुकी है। अभी तक दुनिया ने भारत के डिज़ायनर्स का दम देखा, अब दुनिया डिज़ायन इन इंडिया का जलवा देखेगी।
श्री मोदी ने कहा कि आज हमारी साझीदारी, पूरी दुनिया के साथ बढ़ रही है। पहले भारत, सबसे समान दूरी की नीति पर चलता था। आज भारत, सबसे समान नजदीकी की नीति पर चल रहा है। सुधारों के प्रति हमारा दृढ़ विश्वास अभूतपूर्व है। हमारा हरित ऊर्जा परिवर्तन कार्यक्रम इसका एक अच्छा उदाहरण है। विश्व की जनसंख्या का 17 प्रतिशत होने के बावजूद वैश्विक कार्बन उत्सर्जन में भारत का योगदान केवल 4 प्रतिशत है। दुनिया को नष्ट करने में हमारी कोई भूमिका नहीं है। हम कार्बन ईंधन जलाकर अपनी वृद्धि का समर्थन कर सकते थे। हालाँकि, हमने हरित संक्रमण को चुना।
उन्होंने कहा, “आज जब भारत विश्व मंच पर कुछ कहता है, तो दुनिया सुनती है। मैंने जब कहा- यह युद्ध का युग नहीं है… तो उसकी गंभीरता सबने समझी। आज दुनिया में कहीं भी संकट आए, तो भारत पहली प्रतिक्रिया देने वाले के रूप में सामने आता है। कोरोना के समय में हमने 150 से अधिक देशों को वैक्सीन और दवाइयां भेजी। कहीं भूकंप आए, साइक्लॉन आए या कहीं गृह युद्ध हो… हम मदद के लिए सबसे पहले पहुंचते हैं।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि अमेरिका और भारत के बीच साझीदारी मजबूत होती जा रही है. हमारी साझीदारी का लक्ष्य वैश्विक कल्याण है और हम हर क्षेत्र में सहयोग बढ़ा रहे हैं। हमने आपकी सुविधा को ध्यान में रखा है। उन्होंने कहा, “पिछले साल, मैंने सिएटल में एक नया भारतीय वाणिज्य दूतावास खोलने की घोषणा की थी। हमने दो अतिरिक्त वाणिज्य दूतावासों के लिए आपके सुझावों का अनुरोध किया। भारत ने बोस्टन और लॉस एंजिल्स में दो नए वाणिज्य दूतावास खोलने का फैसला किया है।”

दीदार ए हिन्द की रीपोर्ट

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