आज हनुमान जी को अर्पित करें कुछ खास, घर से दूर होगा अन्न और धन का अभाव..

आज हनुमान जी को अर्पित करें कुछ खास, घर से दूर होगा अन्न और धन का अभाव..

हनुमान जी को तुलसी प्रिय होने की एक प्रमुख वजह है उनकी भक्ति और तपस्या की विशिष्टता। तुलसी का पौधा पवित्र और आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है। हिंदू धर्म में तुलसी को माता लक्ष्मी का अवतार माना जाता है, जो समृद्धि और भाग्य की देवी हैं। हनुमान जी की भक्ति और साधना में तुलसी का महत्व इसलिए है क्योंकि तुलसी का पौधा शुद्धता और आध्यात्मिक उन्नति का प्रतीक है।

हनुमान जी की पूजा में तुलसी की पत्तियां अर्पित करने से भक्तों को विशेष लाभ मिलता है। यह माना जाता है कि तुलसी की पत्तियां भगवान श्रीराम के साथ हनुमान जी के गहरे संबंध को दर्शाती हैं। तुलसी की पूजा से मन की शांति और भक्ति में वृद्धि होती है, जो हनुमान जी के भव्य व्यक्तित्व से जुड़ी है। इसके अतिरिक्त तुलसी की औषधीय गुण भी हनुमान जी की प्रियता को बल देते हैं, क्योंकि हनुमान जी स्वास्थ्य और शक्ति के प्रतीक भी हैं।

हनुमंत उपासना अगर भक्ति, श्रद्धा, समर्पण एवं संलग्नता से की जाए तो उनकी कृपा अवश्य प्राप्त होती है। किसी भी प्रकार के अनिष्ट ग्रहों के प्रकोप से कोई ग्रस्त हो तो हनुमान जी की शरण में आने से सभी ग्रहों का क्रूर प्रभाव स्वत: ही दूर हो जाता है। जहां हनुमान उपासना होती है वहां दुर्भाग्य, दारिद्रय, भूत-प्रेत का प्रकोप, असाध्य रोग और शारीरिक कष्ट कभी समावेश नहीं कर पाते।’

मंगलवार के दिन हनुमान जी को तुलसी की माला अर्पित करने से जीवन के सभी संकटों का नाश होता है।

तुलसी भगवान विष्णु और उनके सभी अवतारों को अर्पित की जाती है। तुलसी के अभाव में उनको कोई भी भोग अर्पित नहीं किया जाता। तुलसी भगवान राम को बहुत प्रिय है, जो चीज श्रीराम को प्रिय है वो हनुमान जी को तो प्रिय होगी। अगर प्रतिदिन हनुमान जी को 2 पत्ते तुलसी के चढ़ाएं जाएं तो घर में कभी भी अन्न और धन का अभाव नहीं रहता।

हनुमान जी को गुड़-चने, मधु-मुनक्का, बेसन के मोदक, केले का भोग बहुत प्रिय है। भोग देते समय उसमें तुलसी पत्र अवश्य दें। याद रखें जब भी हनुमान जी को कोई भी भोग अर्पित करें तो उसमें तुलसी अवश्य डालें तभी वह तृप्त हो पाएंगे।

परीक्षा में उत्तीर्ण होने एवं अच्छे अंक पाने के लिए नित्यप्रति 11 तुलसी के पत्ते मिश्री के साथ पीस कर सेवन करें।

दीदार ए हिन्द की रीपोर्ट

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